उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों के साथ सामान्य बेरोजगारों के लिए नोकरी खोलने पर विरोध में उठे स्वर

देहरादून
उत्तराखंड की आवाज के तत्वाधान में आयोजित एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक संगठन व उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ ने कहा है कि यूपीएनएल (उपनल) को सभी के लिए खोलने पर विचार कर सरकार निर्णय वापस ले।उत्तराखंड की आवाज के सदस्य रविंद्र जुगरान, रघुवीर सिंह बिष्ट,जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती,उत्तराखंड सैनिक पूर्ब सैनिक संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर विनोद पसबोला, महामंत्री पीसी थपलियाल व संरक्षक एसएस पांगती, उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष बॉबी पवार ने संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि सरकार अगर निर्णय वापस नहीं लेती तो आंदोलन हेतु बाध्य होंगे।
विधानसभा सत्र के दौरान धरना प्रदर्शन भी करेंगे।
क्योंकि उपनल की स्थापना पूर्व सैनिक व उनके आश्रितों को रोजगार देने के लिए हुई थी।
सैनिक 30 से 32 वर्ष की उम्र में रिटायर होने शुरू हो जाते हैं जब उसके ऊपर परिवार पालने व बच्चों के शिक्षण की जिम्मेदारी भी होती है।
सरकार अगर बेरोजगारों का हित करना चाहती है तो राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त लगभग 45000 पदों को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाएं।
पूर्व के अनुभव प्रमाणित कर रहे हैं कि उपनल भर्ती में जमकर भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद हो रहा है।
उपनल की नौकरी पक्की नहीं होती सैनिक के लिए तो ठीक है किंतु सभी बेरोजगारों के लिए नहीं क्योंकि पूर्व सैनिकों को तो पेंशन भी मिलती है पर बेरोजगारों को असुरक्षा व अनिश्चितता के साथ मामूली वेतन।
वक्ताओं ने कहा कि अगर निर्णय वापस नहीं लिए गए तो आंदोलन होगा।चयन प्रक्रिया विधि अनुसार हो जो अब तक कभी नहीं हुई।[divider]

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