एम्स में राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता के चलते 130 युवा शोधकर्ताओं ने अपने रिसर्च कार्य प्रस्तुत किये

देहरादून/ऋषिकेश

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में सोसाइटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स, भारत की ओर से आयोजित राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान वार्षिक प्रतियोगिता के दूसरे दिन विभिन्न अनुसंधान संस्थानों के 130 युवा शोधकर्ताओं ने अपने शोध कार्य को प्रस्तुत किया।
एम्स, ऋषिकेश में सोसाइटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता के तहत मंगलवार को दूसरे दिन 54 युवा वैज्ञानिकों ने मौखिकरूप से अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए, जबकि 75 युवा शोधकर्ताओं ने पोस्टर प्रस्तुतियों के माध्यम से अपने रिसर्च को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर फार्मासिटीकल साइंसेज वर्ग के मौखिक शोध प्रतियोगी कार्यक्रम को पीजीआई चंडीगढ़ के डा. अवनीश पांडेय, नाइपर मोहाली की डा. दीपिका बंसल, डा. शरणजीत सिंह, नाइपर हैदराबाद के डा. सौरभ श्रीवास्तव, एम्स दिल्ली के डा. हरलोकेश नारायण यादव, आईआईटीआर लखनऊ के डा. प्रदीप कुमार शर्मा, नेशनल ब्रेन रिसर्च इंस्टीट्यूट के डा. जीवन ज्योति ने सामुहिक रूप से संचालन किया।

जबकि लाइफ साइंस वर्ग शोध से जुड़े कार्यक्रम का संचालन दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज के डा. जितेंद्र कुमार चौधरी व डा. दीपिका यादव, जेएनयू दिल्ली के डा. राकेश कुमार त्यागी व डा. शैलजा सिंह आदि ने किया। इसी प्रकार हेल्थ साइंस वर्ग शोधकार्य पर आधारित कार्यक्रम को एम्स ऋषिकेश की डा. खुशबू बिष्ट, पीजीआई चंडीगढ़ की डा. नुसरत सफीक व एम्स जोधपुर के डा. सुरजीत सिंह ने प्रस्तुत किया।
यह राष्ट्रीय जैव चिकित्सा एवं अनुसंधान प्रतियोगिता आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. बलराम ओमर, फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र हांडू व सोसायटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट के अध्यक्ष रोहिताश यादव की देखदेख में किया जा रहा है। आयोजन में एम्स ऋषिकेश के फार्माकोलॉजी विभाग के डा. पुनीत धमीजा, डा. सत्यावती राना, डा. प्रशांत पाटिल, डा. विनोद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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