एम्स में ट्रामा के विस्तृत चिकित्सा क्षेत्र को लेकर आयोजित तीन दिवसीय प्रोग्राम सम्पन्न ..

देहरादून/ऋषिकेश एम्स ऋषिकेश में मेडिकल एजुकेशन विभाग की ओर से अभिघात (ट्रॉमा) चिकित्सा क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए तीन दिवसीय एटीएलएस व एटीसीएन ट्रेनिंग प्रोग्राम ​विधिवत संपन्न हो गया,जिसमें देशभर के मेडिकल संस्थानों से आए चिकित्सक व नर्सिंग आफिसर्स को विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया। एम्स में अ​भिघात चिकित्सा क्षेत्र को आधुनिक चिकित्सा पद्धति के अनुरूप सुदृढ़ बनाने के लिए संस्थान के मेडिकल एजुकेशन विभाग की ओर से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड व समीपवर्ती राज्यों को विश्वस्तरीय ट्रॉमा सेंटर की सुविधाएं प्रदान करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा ​कि ट्रॉमा चिकित्सा को सुनिश्चित करने के लिए इमरजेंसी ट्रॉमा में कार्य करने वाले समस्त चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ के लिए इस कोर्स को अनिवार्यरूप से लागू करने वाला देश का पहला एम्स संस्थान है। इस लिहाज से ट्रॉमा जैसे महत्वपूर्ण विषय में कार्य करने वाला एम्स ऋषिकेश रोल मॉडल है। गौरतलब है कि एटीएलएस व एटीसीएन प्रोग्राम अमेरिका द्वारा 1976 में शुरू किया गया था,जिसे देश में 2009 में संचालित किया जा रहा है। जो कि वर्तमान में संपूर्ण भारत में विभिन्न 17 मेडिकल संस्थानों में संचालित किया जा रहा है,जिसमें एम्स ऋषिकेश तीसरे स्थान पर है। एटीसीएन के अंतरराष्ट्रीय निदेशक सुरेश सांगी ने प्रत्यक्षतौर पर इस कोर्स का जायजा लिया और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल आयोजन बताया। कोर्स के समन्वयक डा. अमूल्य रतन ने बताया ​कि यह कोर्स एम्स ऋषिकेश में प्रत्येक माह आयोजित किया जाता है,जिसमें देश के वि​भिन्न मेडिकल संस्थानों से जुड़े विशेषज्ञ चिकित्सकों को आघात चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाता है। कार्यशाला में एम्स दिल्ली के प्रख्यात वाइस सर्जन प्रो. बुद्धदेव चौधरी, न्यूरो एनेस्थिसिया के डा. नवदीप, एमजीएम हॉस्पिटल के सीटीवीएस सर्जन डा. समीर, कॉर्डियाे एनेस्थिसिया के डा. विश्वास, अपोलो हॉस्पिटल मुंबई के डा. चंद्रशेखर सथाय, एम्स ऋषिकेश के डा. अमूल्य रतन बतौर प्रशिक्षक शिरकत कर रहे हैं। एम्स ऋषिकेश में अभी तक 100 से अधिक चिकित्सकों व 80 से अधिक नर्सिंग ऑफिसर्स को इस व्यवस्था के तहत प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस कोर्स को करने के लिए निर्धारित कि​ए गए मानकों में चिकित्सकों के लिए 70 प्रतिशत तक अंक होने अनिवार्य हैं। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स नई दिल्ली, पीजीआई चंडीगढ़, राजस्थान, देहरादून आदि क्षेत्रों से एटीसीएन में 16 व एटीएलएस में 16 प्रतिभागी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण कोर्स के आयोजन में एम्स के फैकल्टी सदस्य डा. राकेश शर्मा, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर चंदू राज, महेश देवस्थले, शिवप्रीत कौर, राकेश आदि की अहम भूमिका रही।

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