उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत चयनित गांवों में एम्स जल्द चलाएगा जगरुकता अभियान…निदेशक प्रो.रविकान्त

देहरादून/ऋषिकेश भारत सरकार के उन्नत भारत अभियान के तहत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में नगर के समीपवर्ती गांवों के विकास व उनमें स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर जनजागरुकता अभियान शुरू किया गया है। जिसके लिए तीन गांवों को चिह्नित किया गया है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के तत्वावधान में आयोजित उन्नत भारत अभियान के तहत क्षेत्र के रायवाला, थानो व गंगाभोगपुर आदि गांवों का चयन किया गया है। जिनमें संस्थान के आउटरीच सेल की ओर से कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को जागरुक किया जाएगा। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने कहा कि उन्नत भारत अभियान के तहत अभावग्रस्त गांवों में चिकित्सा एवं शिक्षा को सुदृढ़ बनाना है। उन्होंने कहा ​कि बेहतर चिकित्सा के लिए प्राइमरी केयर का सुदृढ़ होना अनिवार्य है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि इसी संदर्भ में एम्स संस्थान में 16 मार्च को उत्तराखंड के मेडिकल ऑफिसरों के लिए प्राइमरी केयर एंड फेमिली मेडिसिन केपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया ​कि इसका उद्देश्य उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में कार्य कर रहे चिकित्सकों को एम्स के माध्यम से प्रशिक्षित करना है,जिससे इसका लाभ यहां के आम व्यक्ति को मिल सके। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला के बाबत स्वास्थ्य महानिदेशक व नेशनल हेल्थ मिशन को भी अवगत कराया गया है। आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य चिह्नित गांवों में चिकित्सा, शिक्षा, कृषि एवं औद्योगिकी के क्षेत्र में सर्वांगीण विकास पर ग्राम प्रतिनिधियों के साथ चर्चा व इस दिशा में पहल करना है। उन्होंने बताया कि इस मुहिम में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस अवसर पर एम्स आउटरीच सेल में प्रतीतनगर रायवाला को लेकर चर्चा की गई, जिसमें आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार, प्रतीतनगर रायवाला में प्रधान ​अनिल कुमार, वार्ड सदस्य आशीष जोशी,यमलाल गुसाईं आदि शामिल हुए। उन्होंने बताया कि जल्द ही संस्थान की टीम चिह्नित गांवों की समस्याओं पर अन्य गांवों के प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा कर प्रारूप तैयार किया जाएगा इसके बाद इस विषय पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

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