किसान बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में प्रेमनगर गुरुद्वारे में अरदास

देहरादून

श्री सुखमनी साहब सेवा सोसाइटी प्रेमनगर द्वारा गुरु सिंह सभा प्रेमनगर गुरुद्वारे में किसान संगठनों के समर्थन व सदबुद्धि के लिए धार्मिक आयोजन किया गया जिसका आरंभ सुखमनी साहब के पाठ से हुआ।
आजाद सिंह ने गुरुबाणी के शबद ” मन हाली किरसाणी करनी, सरम पाणी तन खेत” और ” हक पराया नानका, उस सूअर उस गाय ” गा कर जहां किसानों के दर्द से जोड़ा वहीं अहंकार में डूबी सरकार पर तंज कसा।
शमशेर सिंह ने भी किसानों का समर्थन करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया और गुरबाणी के शबद “कोऊ हरि समान नहीं राजा।। ऐ तो भूपत दिवस चार के,झूठे करत दिवाजा।। को आधार बनाकर किसानों के संघर्ष झूठ व अहंकार के विरुद्ध जन आन्दोलन बताया।
मंच संचालक जसबीर सिंह ने किसान आंदोलन का पूरा दृश्य संगतों के समक्ष रखते हुए कहा कि यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं है सीधे आप सभी को बचाने के लिए है। पीएम की तुलना कारू बादशाह से करते हुए आगाह किया कि यदि किसान किसी से डरने वाले नहीं और आने वाले समय में आम जनमानस इनके साथ खड़ा होगा। और स्वाभाविक है कि जो झुकता नहीं वह टूटता ही है।
सेवा सिंह मठारू ने भी किसानों का समर्थन करते हुए आह्वान किया कि यदि जाना पड़ा तो समर्थन के लिए दिल्ली भी जाएंगे।
हिम्मत सिंह ने कहा अधिकार सभी के होते हैं फिर भी लेने के लिए लडना पड़ता है।आज किसान सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे बैठे हैं यह सरकार के लिए बहुत शर्म नाक है। मनदीन सिंह ने सरल शब्दों में कहा कि ये आंदोलन हर उस व्यक्ति का है जिसके साथ पेट जुड़ा हुआ है। सरकार के लोग अनाप शनाप बयान देकर भड़का रहे हैं उन्हें इससे बचना चाहिए। पत्रकार मनमोहन सिंह खालसा ने कड़े शब्दों में मोदीजी को चेताया कि यदि देरी हुई तो सरकार जिम्मेदार होगी।
गुरद्वारा प्रेमनगर के सचिव महिंद्र सिंह ने भी किसानों का समर्थन करते हुए सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द ये कानून वापिस लिए जाएं, किसानों को कामयाबी दिलाने, अहंकार चकनाचूर करने और पीएम को सदबुद्धि प्रदान करने को गुरु ग्रन्थ साहिब के चरणों में अरदास भी की गई।

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