मुख्यमंत्री ने किया हरिद्वार के कुम्भ मेला क्षेत्र का निरीक्षण

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को हरिद्वार में महाकुम्भ 2021 के सफल आयोजन के दृष्टिगत सम्पादित किये जा रहे निर्माण कार्यो एवं कुम्भ क्षेत्र के विभिन्न स्थलों का स्थलीय निरीक्षण किया। कुम्भ के लिये किये जा रहे स्थाई कार्यो के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यो में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय। कुम्भ कार्यों के प्रति किसी स्तर पर लापरवाही बर्दास्त नही की जाएगी।
मुख्यमंत्री् ने बैरागी कैम्प से कनखल को जोड़ने वाले पुल, जलनिगम की पेयजल आई बेल के निरीक्षण के दौरान इसे उपयोगी बताया। उन्होंने गौरी शंकर क्षेत्र का निरीक्षण भी किया। इस क्षेत्र को पूर्व कुम्भ मेलों की तुलना में अधिक विस्तृत एवं व्यवस्थित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले में आने वाले सन्त महात्माओं एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत गौरीशंकर क्षेत्र में सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाये तथा स्नान घाटों के निर्माण के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले कुम्भ मेला की तुलना में इस बार अधिक क्षेत्रफल चिन्ह्ति किया गया है। कुम्भ मेला का आयोजन सुव्यवस्थित एवं निर्विवादित ढ़ंग से सम्पन्न हो इसके लिये मेला प्रशासन, जिला प्रशासन एवं अखाड़ा परिषद् से आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश उन्होंने मेलाधिकारी को दिये। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों की प्रगति पर सन्तोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि नवम्बर तक सभी निर्माण कार्यों को निश्चित रूप से पूर्ण करा लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि की परम्परा के अनुरूप आगामी कुम्भ मेले को भव्य रूप से आयोजित किये जाने का हमारा लक्ष्य है, इसके लिये सभी से सहयोग की भी उन्होंने अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने भूमानन्द निकेतन क्षेत्र का भी भ्रमण किया। उन्होंने भूमानन्द निकेतन आश्रम में स्वामी अचुयतानंद से भेंट कर उनका आर्शीवाद प्राप्त किया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महासचिव हरी गिरी महाराज ने कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस आयोजन की सफलता के लिये सहयोग का भी आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, सचिव शहरी विभाग श्री शैलेश बगोली, मेलाधिकारी दीपक रावत, मेला आई जी संजय गुंज्याल के साथ ही अन्य प्रमुख सन्त महात्मा एवं कुम्भ मेले से सम्बन्धित विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

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