प्रदेश के पांच शिल्पियों को उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न सम्मान दिया सीएम त्रिवेंद्र ने

पांच हस्तशिल्पियों को ‘‘उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न’’ पुरस्कार

देहरादून
हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए नावार्ड योजना के अन्तर्गत नव निर्मित दून हाट का गुरूवार को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित त्रिवेन्द्र सिंह रावत, माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार ने लोकार्पण किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में रोशनलाल सेमवाल उपाध्यक्ष, यू.एच.एच.डी.सी एवं गणेश जोशी माननीय विधायक मसूरी उपस्थिति रहें।
मुख्य अतिथि त्रिवेन्द्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार ने दून हाट के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की पारंपरिक परिधानों व उत्पादों को एक छत के नीचे लाया गया है। जहां उत्तराखण्ड के सभी हथकरघा और हस्तशिल्पियों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि दून हाट के माध्यम से स्वरोजगार विकसित होगा। ‘‘उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न’’ पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी शिल्पियों को बधाई दी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु दून हाट का शुभारम्भ किया गया है। नावार्ड के सहयोग से नवनिर्मित दून हाट को दिल्ली हाट की तर्ज पर एक ऐसे स्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां देश-विदेश के पर्यटकों को राज्य के स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ संस्कृति, कला एंव विशिष्टताओं से परिचित होने का अवसर मिल सकें।
दून हाट में स्थानीय उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु 14 स्टॉल/दुकानों का निर्माण किया गया है, जिसमें समय-समय पर राज्य के विभिन्न जनपदों के लघु उद्यमियों, बुनकर एवं शिल्पियों को स्थानीय उत्पादों के विपणन प्रोत्साहन हेतु स्थान उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही हिमाद्रि एवं हिलांस के स्थायी इम्पोरियम भी इस हाट में स्थापित किये जा रहे है।
इस अवसर पर दून हाट में राज्य के शिल्पियों द्वारा विकसित किये गये विभिन्न उत्पादों की एक प्रदर्षनी दिनांक 12 दिसंबर से 16 दिसंबर, 2019 तक आयोजित की जा रही है, जिसमें विशिष्ट जनपदों के स्थानीय उत्पाद विपणन हेतु उपलब्ध होगें।
उत्तराखण्ड के अतिरिक्त अन्य प्रान्तों के उत्पादों के विपणन के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित किये जाने हेतु दून हाट का वार्षिक कैलेण्डर तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से देश-विदेश के पर्यटक राज्य के स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ अन्य प्रान्तों द्वारा विकसित किये गये उत्पादों, कला एवं विशिष्टताओं से परिचित हो सकेंगें। दून हाट को एक मोस्ट विजिटिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जायेगा।
स्थानीय उत्पादों एवं शिल्प को राज्य सरकार द्वारा बढावा दिये जाने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर भीमतला (चमोली), विण (पिथौरागढ़) एवं काशीपुर (ऊधमसिंहनगर) में भी नावार्ड के सहयोग से रूरल हाट स्थापित किये जा रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के परम्परागत शिल्प कला के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन हेतु पारम्परिक कला, संस्कृति की परम्परा को अक्षुण्य बनाए रखने एवं शिल्पियों की कल्पनाशीलता, योग्यता तथा कारीगरी को प्रोत्साहित करने एवं शिल्प क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले शिल्पियों को समुचित सम्मान दिये जाने हेतु ’’उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरूस्कार’’ योजना के अन्तर्गत सिद्धहस्तशिल्पी को पुरूस्कार स्वरूप रू0 एक लाख की धनराशि, अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। वर्ष 2018 हेतु चयनित निम्न सिद्धहस्तशिल्पियों को शिल्प रत्न पुरूस्कार प्रदान किया जा रहा है।इस अवसर पर पांच सिद्ध हस्तशिल्पियों को मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार 2018 भी दिया दिया गया। जिसमें ग्राम व पोस्ट ढालवाला, टिहरी गढ़वाल निवासी बीना पुण्डीर, ऋषिकेश रोड़, चम्बा टिहरी गढ़वाल निवासी ऊषा नकोटी, पिथौरागढ़ निवासी किशन राम, रानीखेत अल्मोड़ा निवासी भुवन चन्द्र शाह एवं बागेश्वर निवासी ललिता प्रसाद हैंच दिवसीय प्रदर्शनी में हिमाद्री के साथ ही उत्तराखण्ड के सभी जनपदों के हथकरघा एवं हस्तशिल्प के स्टॉल लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दून हाट को विपणन केन्द्र के रूप में विकसित करना है। प्रदर्शनी के दौरान संस्कृति विभाग द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी आयोजन किया जायेगा।

इस अवसर पर मनीषा पंवार प्रमुख सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, सुधीर नौटियाल निदेशक, उद्योग निदेशालय, शैली डबराल उपनिदेशक, उद्योग निदेशालय, एमएस नेगी, अनुपम द्विवेदी, केसी चमोली मौजूद रहे।

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