कांग्रेस महामंत्री संगठन सारस्वत ने डीजीपी और अंकिता भंडारी के पिता के बीच हुई बातचीत सोशल मीडिया में वायरल करने पर डीजीपी के खिलाफ FIR दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की

निजता के अधिकार उल्लंघन मामले में पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर की जाय कानूनी कार्रवाई-विजय सारस्वत

 

देहरादून

 

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड एवं अंकिता भंडारी के पिता के बीच दूरभाष पर हुई बातचीत को सोशल मीडिया में वायरल करने के लिए पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को लिखे शिकायती पत्र में प्रदेश कांग्रेस महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ने आरोप लगाया है कि अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड जैसे जघन्य प्रकरण में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जैसे पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा जानबूझकर बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल कर निजता के अधिकार/कानून का उल्लंघन किया जाना गंभीर विषय है।

विजय सारस्वत ने कहा है कि उत्तराखण्ड प्रदेश के पौडी गढ़वाल जनपद के अन्तर्गत यमकेश्वर विकासखण्ड में भाजपा नेता एवं पूर्व दर्जा राज्यमंत्री के रिसाॅर्ट से दिनांक 18 सितम्बर, 2022 को अंकिता भण्डारी के गायब होने की सूचना के उपरान्त नियमित पुलिस द्वारा 23 सितम्बर, 2022 को अंकिता भण्डारी की लाश चीला बैराज से बरामद की गई। कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश अध्यक्ष श्री करन माहरा के नेतृत्व में अंकिता भण्डारी की हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी से लेकर अब तक प्रदेशभर में लगातार आन्दोलन किया जा रहा है।

प्रदेश महामंत्री विजय सारस्वत ने शिकायती पत्र में कहा है कि अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड के सम्बन्ध में राज्य के पुलिस महानिदेशक एवं पीडिता के पिता के मध्य दूरभाष पर हुई वार्ता को बिना पीडिता के पिता को विश्वास में लिये सोशल मीडिया में सार्वजनिक किया जाना आईटी एक्ट के अन्तर्गत निषिद्ध ही नहीं अपितु निजता के अधिकार का भी हनन है जिस पर कांग्रेस पार्टी कड़ी आपत्ति दर्ज करती है। पीड़िता के पिता एवं पुलिस महानिदेशक के मध्य दूरभाष पर हुई वार्ता के सोशल मीडिया में सार्वजनिक होने से इस जघन्य हत्याकांड के मामले को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी मांग करती है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक के खिलाफ सक्षम धाराओं में आईटी एक्ट के उल्लंघन तथा पीड़ित पक्ष को प्रभावित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाय।

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