पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गांधी पार्क में केन्द्र सरकार के तीन किसान विरोधी अध्यादेशों को किसानों के खिलाफ साजिश बता उसके विरोध में मौन व्रत व उपवास किया।

देहरादून

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज गांधी पार्क में केन्द्र सरकार के तीन किसान विरोधी अध्यादेश जिनको संसद के माध्यम से कानून बनाकर किसानों की कमर तोड़ने की साजिश के विरोध में अपना पूर्व निर्धारित मौन व्रत व उपवास शुरू किया। हालांकि उन्होने गांधी पार्क के अन्दर जाकर महात्मा गाधी की मूर्ति पर पुष्पाजंलि भी अर्पित की।उपवास-मौन व्रत समाप्ती पर उन्होने कहा कि देश भर के किसान उपरोक्त तीनों काले कानूनों के विरुद्ध आन्दोलन कर रहे है पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में भी किसान उपरोक्त काले कानूनों के विरुद्ध अपनी आवाजें बुलंद कर चुके है तीनों कानूनों को संसद में पास कराये जाने के कुप्रयास के विरुद्ध मेरा ये उपवास-मौन व्रत है व कहा कि लोकसभा में एक आद विधेयक पास भी हो चुका है पूरे देश का किसान आज आशंकित है कि उनकी जमीन व किसानों के अधिकार सब खतरे में है। डैच् यानी नियुन्तम समर्थन मूल्य जो कि किसानों को उसकी फसल पर एक नियुन्तम मूल्य की गारंटी होता है उसको भी समाप्त कर कारपोरेट जगत की कम्पनियों के हितों के लिये खेती व किसानों को बर्बाद करने का षंडयत्र किया जा रहा है आज मैं उसी षड़यत्र के विरुद्ध इस उपवास व मौन व्रत पर बैठा हूॅ पंजाब, उत्तराखण्ड़ व देश के किसानों के साथ मैं अपनी भावनात्मक एकता प्रकट करना चाह रहा हॅू यहीं अहिंसात्मक सत्यग्रह का रास्ता गांधी बाबा ने दिखाया था। वहीं उन्होने बेरोजगारी पर भी केन्द्र व राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण करोड़ो लोग बेरोजगार हो गये है तमाम सरकारी व निजी छोटे बड़े उघोगो से लोगो को रोजगार से वंचित किया जा रहा है पहले से चौपट की गई अर्थ व्यवस्था के प्रभाव के कारण व लाकॅड़ाउन में भी लाखों करोड़ो को रोजगार खोना पड़ा है। सरकारें या तो परिक्षाये नहीं करा रही है परिक्षाओं के नतीजे घोषित नही किये जा रहे है और जो नतीजे पूर्व में घोषित हो चुके है उनमें नियुक्तियॉ नही की जा रही है देश व राज्य में लाखों करोड़ो पद रिक्त पड़े है बेरोजगार दर दर की ठोकर खाकर घूम रहे है। उन्होने कहा कि देश के अन्दर बेराजगारी की दर विभिन्न क्षेत्रों 14 से 27 प्रतिशत के आस पास है परन्तु केन्द्र सरकार चुप्पी मारे बैठी है श्री रावत ने उत्तराखण्ड़ मे अपने कार्यकाल में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने वाली विभिन्न योजनाओं का खाखा भी खींचा और कहा कि उनके कार्यकाल में विभिन्न विभागों में हजारों नियुक्तियॉ की गई थी, अधिनस्थ कर्मचारी चयन आयोग सहित कई कार्यक्रमों के माध्यम से नियुक्तिया की गई थी मगर आज तो बेरोजगार युवाओं के सामने भयावाह स्थिति खड़ी है। खेती के हल को प्रतीकात्मक रुप से कंधे में रखकर प्रदर्शित किया गया।
हालाकि उन्होने कार्यकर्ताओं को कोरोना महामारी से बचाव की खातीर मौन उपवास पर शामिल न होने का आग्रह किया था परन्तु फिर भी काफी कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता वहां उपवास पर पहुॅचे। मौन व्रत व उपवास को ठीक 11-45 पर गुरु गोविन्द सिंह गुरुद्वारा के ग्रन्थी सरदार बूटा सिंह ने उनको जूस पिलाकर उनका उपवास खुलवाया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री मातवर सिंह कण्ड़ारी, मीडिया सलाहकार सुरेन्द्र कुमार,प्रभुलाल, जोत सिंह बिष्ट, पूरन सिंह रावत, सुशाल राठी, नंनद सिंह बिष्ट, मनीष नागपाल, गुलजार अहमद, प्रमोद गुप्ता, मोहन काला, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, कमलेश रमन, गरिमा दसौनी, शान्ति रावत, परिणाता डोभाल, अनुराधा तिवारी, साधना तिवारी, सरदार अमरजीत सिंह, विशाल मौर्या, रितेश क्षेत्री, हेमा पुरोहित, विकास नेगी, श्याम सिंह नेगी, विनोद चौहान, मौ0 मुस्तफा, सौरभ मंमगाई आदि लोग प्रमुख रुप से उपस्थित रहें।

झलकियाँ —- 1 – हरीश रावत ने आज के अपने उपवास – मौनव्रत में पंजाब प्रभारी होने का अहसास भी कराया उनके उपवास को रेसकोर्स गुरुद्वारे के ग्रंथी ने जूस पिला कर खुलवाया ,उन्होंने पंजाब भी संदेश भेज दिया।
2- उपवास – मौनव्रत के दौरान राम धुन लगातार बजती रही उनके साथ बैठे सभी लोग रघुपती राजाराम भी अंत तक गुन गुनाते रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.