देश में चौथी महिला कमांडो टीम उत्तराखण्ड के पास तैयार ….सीएम त्रिवेंद्र

देहरादून

 

उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज उत्तराखण्ड महिला कमाण्डो का दस्ता जुड़ गया है। उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज दिनांक 24 फरवरी 2021 को पुलिस लाईन देहरादनू में उत्तराखण्ड की महिला कमाण्डो फोर्स एवं स्मार्ट चीता पुलिस का शुभारम्भ किया। महिला पुलिस कार्मिकों के कमाण्डो एवं चीता पुलिस दस्ते के गठन से राज्य की महिलाओं में पुलिस के प्रति विश्वास एवं मनोबल बढ़ेगा तथा वह अपनी परेशानियों एवं कठिनाईयों को महिला पुलिस से साझा कर सकेंगी तथा महिला अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस लाईन देहरादून में स्मार्ट पुलिस बैरिक का भी उद्घाटन किया गया। साथ ही महिला कमांडो दस्ता द्वारा सुरक्षा से सम्बन्धित अनेक करतब दिखाये गये, स्मार्ट चीता पुलिस द्वारा नुक्कड-नाटक के जरिये अपने कार्यों एवं कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में जागरुक किया गया।

 

चीता पुलिस को स्मार्ट बनाये जाने, उनकी कार्यक्षमता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए जनपद देहरादून के 148 (118 पुरुष व 30 महिला) चीता पुलिस को दिनांक 8 जनवरी से 06 फरवरी 2021 तक पीटीसी नरेन्द्रनगर, आरटीसी देहरादून में 1 माह एवं अभिसूचना एवं सूरक्षा मुख्यालय में 1 सप्ताह का गहन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उक्त कर्मियों को सुरक्षा हेतु चुनौतियां, प्राथमिकताऐं, अभिसूचना संकलन एवं सम्प्रेषण, साम्प्रदायिक दंगों की रोकथाम, वीआईपी सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता एवं संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी, पूछताछ, निगरानी आदि की जानकारी दी गयी। इसके अतिरिक्त चीता पुलिस की कानून व्यवस्था में भूमिका, घटना स्थल पर रिस्पोन्स समय, साक्ष्य संरक्षण, पेट्रोलिंग, भीड़ नियंत्रण, विभिन्न अपराधों पर की जाने वाली कार्यवाही, महिला, वृद्धों एवं बच्चों के साथ व्यवहार, साइबर क्राइम, सीसीटीवी मॉनिटियरिंग, सोशल मीडिया/ मीडिया प्रबन्धन, फोटोग्राफी, फोरेंसिक साइंस, परिपीडाशास्त्र, बीट/ सामुदायिक पुलिसिंग, जनता के साथ व्यवहार तथा शस्त्र प्रशिक्षण आदि प्रदान किया गया है। प्रशिक्षण हेतु विभागीय प्रशिक्षकों के अतिरिक्त पुलिस के उच्चाधिकारियों, फोरेन्सिक साइंस विशेषज्ञों, अभियोजन विभाग के विधि विशेषज्ञों, साइबर विशेषज्ञों आदि के बारे में भी जानकारी दी गई है।

 

महिलाओं की पुलिस में भागिदारी को देखते सुरक्षा की दृष्टिगत एटीसी, हरिद्वार में 27 महिला कमाण्डो को दिनांक 18 जनवरी 2021 से 14 दिवस का कमांडो प्री-कोर्स कराया गया था, जिसमें 22 महिलाओं को अग्रिम प्रशिक्षण हेतु पीटीसी नरेन्द्रनगर में दिनांक 8 फरवरी 2021 से 02 माह का पुलिस कमांडो प्रशिक्षण प्रचलित है। जिसमें प्रशिक्षण अवधि में उक्त कमांडो दस्ते को यूएसी, शारीरिक दक्षता, रॉक-क्लाइम्बिंग, शस्त्र प्रशिक्षण, फायरिंग, बम डिस्पोजल, प्राथमिक चिकित्सा, संचार, अभिसूचना, नेविगेशन/मैप रीडिंग, वीआईपी सुरक्षा, आतंकवाद एवं काउण्टर टेररिज्म आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरान्त उक्त कमांडो दस्ता एटीसी का भाग बनेगा साथ ही सुरक्षा हेतु दस्ते को कुम्भ मेले में भी तैनात किया जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज उत्तराखण्ड महिला कमाण्डो का दस्ता जुड़ गया है। उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया है। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कमाण्डो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया। कमाण्डो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मात्र एक आग्रह पर यह प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण उनके द्वारा निःशुल्क दिया गया। किसी भी विद्या में पारंगत होने का सबसे बड़ा उद्देश्य आत्म सुरक्षा होना चाहिए। विद्या का सदुपयोग होना जरूरी है। विद्या के ज्ञान के साथ ही चपतलता का होना भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्कूलों एवं कॉलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारम्भिक आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी है। बेटियों को मोटिवेशन देना जरूरी है। यह समाज की आवश्यकता है। पढ़ाई के दौरान उन्हें आत्म सुरक्षा से संबंधित जानकारी हो। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इन 22 प्रशिक्षित महिला कमाण्डो की भूमिका इस दृष्टि से और अधिक बढ़ जाती है। इस तरह के अन्य संगठनों का सहयोग लेकर आने वाले भविष्य में इसके लिए अधिकारियों को योजना बनाने को कहा गया है, ताकि इस तरह का एक बहुत बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य में चलाया जा सके।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में पत्नी को सह खातेदार बनाया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है। हमारी बेटियां सशक्त एवं मजबूत होनी चाहिए इस सोच के साथ अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम रास्ते बेटियों के लिए खोले हैं। आईएनएस तरंगिणी में पांच महिलाओं ने 18 हजार किमी की जोखिम भरी यात्रा पूरी की। आज बेटियां फाइटर जेट उड़ा रही हैं। इन्फेन्ट्री एवं सीमाओं पर देश की बेटियां जा रही हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए बेटियों का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है।

 

इस अवसर पर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि चमोली आपदा में शहीद हुए अपने 02 जवानों को मैं श्रद्धांजलि देता हूँ।

SDRF की टीम 14 हजार फिट की ऊँचाई पर बनी झील पर भी सबसे पहले पहुँची व इसकी वस्तुस्थिति से अवगत कराया।

मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्देशन में महिला कमाण्डो हमने तैयार किया है। उत्तराखण्ड में महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु महिला दस्ते का गठन किया गया है। उत्तराखण्ड की महिलाएं अधिकतर कार्यक्षेत्र में अग्रणी हैं। कई बड़े सामाजिक अन्दोलनों को उन्होने नेतृत्व प्रदान किया। कई राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा महिलाओं का गलत उपयोग इस कारण भी महिला कमाण्डो के रूप में महिलाओं की भागीदारी आवश्यक।

18 जनवरी से 2 सप्ताह का प्री कमाण्डो कोर्स ए0टी0सी0 हरिद्वार में आयोजित किया गया। 8 फरवरी 2021 से कमाण्डो कोर्स पी0टी0सी0 नरेन्द्रनगर में प्रचलित है। अभी इन महिला कमाण्डो का 1 माह का प्रशिक्षण पूर्ण नहीं हुआ है इनको 2 माह का कठिन प्रशिक्षण पूर्ण करना है। महिलाएं भी पुरूषों के समान काठन शारीरिक लक्ष्यों को पूर्ण कर सकती हैं तभी इनको नमभी कमांडो ट्रेनिंग दी जा रही है इसमें ए0टी0एस0 के ट्रेनर एवं विशेष रूप से आमंत्रित ग्रैण्ड मास्टर शिफूजी शौर्य एवं अनिरूद्ध (फिटनेस ट्रेनर)। यू ए सी (Unarmed Combat), Rock Climbing, Firing, Bomb Disposal, First Aid, Navigation/Map Reading , V.I.P Security एवं आतंकवाद एवं काउण्टर टेरेरिज्म आदि प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मात्र तीन राज्यों (नागालैण्ड, केरल एवं पश्चिम बंगाल) में ही महिला कमाण्डो दस्ता है।

इस दृष्टि से उत्तराखण्ड के लिये यह गौरव की बात है कि अपेक्षाकृत छोटा राज्य होने के बाद भी एक प्रशिक्षित महिला कमाण्डो दस्ते का गठन किया गया।

महिलाओं ने सिद्ध कर दिया है कि वह पुरूषों से कम नहीं हैं, हमारी महिला कमाण्डो न केवल साथी पुलिस कर्मियों के लिये बल्कि समाज की समस्त लडकियों एवं महिलाओं के लिय रोल मॉडल बनेंगी।

चीता पुलिस यद्यपि पूर्व से कार्यरत है। किन्तु चीता पुलिस को अधिक स्मार्ट बनाने, कार्य क्षमता, कार्य दक्षता बढ़ाने के लिये प्रशिक्षण दिया गया है।

कुल 148(30 महिला व 118 पुरूष) कर्मियों को एक माह का प्रशिक्षण दिया गया है। जिसका उद्देश्य महिलाओं, वृद्धों व बच्चों के साथ होने वाले अपराधों में अंकुश, अन्य अपराध नियंत्रण, साक्ष्य संरक्षण, पैट्रोलिंग, भीड़ नियंत्रण, समुदायिक पुलिसिंग, अभिसूचना संकलन, सम्प्रेषण आदि, साम्प्रदायिक, दंगों की रोकथाम, वी0आई0पी0 सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता, संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी व पूछताछ, इसके अतिरिक्त साईबर क्राईम सीसीटीवी मॉनिटरिंग सोशल मीडिया/मीडिया प्रबन्धन फोटोग्राफी, शस्त्र प्रशिक्षण आदि का प्रशिक्षण दिया गया है।

विभागीय प्रशिक्षक, फॉरेन्सिक साइंस विशेषज्ञ अभियोजन विभाग के विशेषज्ञ, साईबर विशेषज्ञ, चीता कर्मी की वर्दी, बॉडी वार्न कैमरा, टैक्टिकल बैल्ट, शॉर्ट रेंज आर्मस, हाई एंकल बूट, कॉम्बेट ड्रेस आदि ।

महिला पुलिस कार्मिकों के कमाण्डो एवं चीता पुलिस दस्ते के गठन से राज्य की महिलाओं में पुलिस के प्रति विश्वास एवं मनोबल बढ़ेगा तथा वह अपनी परेशानियों को महिला पुलिस से साझा कर सकेंगी तथा महिला अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा।

देहरादून में 2 स्मार्ट बैरिक बनाये गये हैं जिसका उद्देश्य पुलिस कर्मियों के रहन-सहन को सुविधापूर्ण करना, ड्यूटी हेतु उपलब्धता की सुनिश्चितता, आपसी सामंजस्य बेहतर, कार्यक्षमता व कार्यदक्षता में वृद्धि करना है।

उत्तराखण्ड में 80 प्रतिशत से अधिक सड़क दुर्घटनाएं एवं मृत्यु राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर।

राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों की लम्बाई 2954 किमी, उक्त पर पैट्रोलिंग पर वाहनों की आवश्यकता, माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा पुलिस मुख्यालय में सम्पन्न बैठक में 100 वाहन देने की सहमति।

कहा कि आशा एवं पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्री द्वारा हाइवे पैट्रोल हेतु शीघ्रातिशीघ्र वाहन उपलब्ध कराये जायेंगे। हाई-वे पेट्रोल यूनिट के गठन से राजमार्गों पर पुलिस की मोबेलिटी बढ़ेगी तथा रिसपांस टाइम अच्छा होगा जिससे राजमार्गों पर होने वाले दुर्घटनाओं की रोकथाम होगी साथ ही दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को तत्काल सहायता व उपचार भी प्राप्त हो सकेगा ।

 

त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा प्रशिक्षक शिफू शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी सुश्री रूबीना कॉर्की, स्मार्ट चीता पुलिस के व्यवहारिक एवं आंतरिक प्रशिक्षण में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले पुलिस-कर्मी चन्दन सिंह, सूरज सिंह एवं शिव सिंह को बेस्ट स्मार्ट चीता पुलिसिंग हेतु प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। साथ ही समस्त महिला कमान्डोज के उत्साहवर्धन हेतु महिला उपनिरीक्षक पूजा रानी को मेडल दिये गये।

उक्त कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया बड़थ्वाल, मुख्यमंत्री के सैन्य सुरक्षा सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस. नेगी, सचिव गृह नितेश झा, पुलिसस के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.