गृह मंत्री अमित शाह ने भी ऋषिकेध एम्स को भविष्य का सबसे बड़ा संस्थान बताया,दीक्षांत समारोह में 252 छात्रों ने ली उपाधि,

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में शनिवार को संस्थान का द्वितीय दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि गृह मंत्री भारत सरकार अमित शाह ने आई.टी.बी.पी. के पाइप बैंड की पारंपरिक धुनों व संस्थान के संकाय सदस्यों की शैक्षिक शोभायात्रा के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर दीक्षांत समारोह का विधिवत शुभारंभ हुआ।
समारोह में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने स्वागत भाषण के साथ ही मुख्य अतिथि गृहमंत्री अमित शाह, विशिष्ठ अतिथि मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ओर मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का संस्थान की ओर से स्मृति चिह्न भेंट कर अभिवादन किया।
समारोह के मुख्य अतिथि गृह मंत्री माननीय श्री अमित शाह द्वारा युवा चिकित्सकों व नर्सिंग स्नातकों को संबोधित करते हुए बधाई दी गई और कहा गया कि सभी नव चिकित्सक एवं नर्सिंग जो आज स्नातक, स्नातकोत्तर विषयों में डिग्री प्राप्त कर रहे हैं, आप सभी जीवन के एक नए चरण में प्रवेश करने की दिशा में हैं, जहां उन्हें अपने चुने हुए वृहद एवं परोपकारपूर्ण व्यवसाय की जिम्मेदारी लेनी होगी। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत के द्वारा संस्थान की प्रगति के लिए किए गए विशेष कार्यों और स्वास्थ्य सेवाओं की प्रशंसा की। गृहमंत्री ने संस्थान की प्रगति के प्रस्तुतिकरण एवं संस्थान में विभिन्न विभागों के संचालन को काविलेतारीफ बताया। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश जैसे स्थान पर एम्स संस्थान की उपलब्धियां प्रशंसनीय हैं। मुख्य अतिथि ने कहा कि आप नए चिकित्सों को नए स्वरूप में परिवर्तन हेतू जो एम्स संस्थान द्वारा आपको निखारा गया गया है, आपको सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों द्वारा जो शिक्षा दी गई है, जिसके लिए आज भारत के स्वास्थ्य के क्षेत्र में समाज को आपसे बहुत बड़ी अपेक्षाएं हैं, उन्होंने इस सफलता के लिए युवा चिकित्सकों को बधाई दी।
गृह मंत्री द्वारा एम्स संस्थान की तारीफ करते हुए कहा गया कि चिकित्सा, चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं स्वास्थ्य सेवाओं में, ‘‘एम्स‘‘ गुणवत्ता, प्रतिबद्धता और समृद्ध अनुभव के लिए एक संकेत बन गया है और मुझे बहुत खुशी है कि मुझे ऐसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश के दीक्षांत समारोह में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत संचालित इस संस्थान का उद्देश्य न केवल स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव वाले तथा अल्प आय वाले राज्यों में आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना है बल्कि और देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा एवं शोध कार्य को आगे बढ़ाना भी है। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश की स्थिति अन्य नए स्थापित एम्स संस्थानों से अलग एवं चुनौती पूर्ण है, क्योंकि उत्तराखंड में कठिन पहाड़ी इलाकों और भौगोलिक बाधाओं के कारण राज्य का अधिकतम क्षेत्र, वर्षों से स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहा है।। एम्स, ऋषिकेश ने बहुत कम समय में उत्तराखंड की जनता को बहुत वृहद स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की हैं, उन्होंने इसके लिए खासतौर से संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत को बधाई दी। गृहमंत्री ने कहा कि भारत सरकार देश के हर राज्य में जनस्वास्थ्य के मद्देनजर एम्स संस्थान की स्थापना के लिए प्रयासरत है। इस अवसर पर दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने युवा चिकित्सकों एवं नर्सिंग ऑफिसरों को उनकी इस सफलता के लिए बधाई दी, उन्होंने कहा कि आप सभी लोग जीवन के एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं, जहां आपको आपके चुने हुए परिवेश में समाज की सेवा करने का अवसर प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि समस्त युवा चिकित्सकों ने तीर्थनगरी में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में रहकर व उच्चकोटि के शिक्षकों से शिक्षा प्राप्त कर चिकित्सा एवं नर्सिग की जो परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है, इसके बाद सभी लोग दीन दुखियों की सेवा के लिए सक्षम हो गए हैं। सीएम ने अपने संबोधन में एम्स ऋषिकेश की चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शोधकार्यों की सराहना करते हुए कहा कि एम्स द्वारा उत्तराखंड में टेलीमेडिसिन के माध्यम से दूर दराज के चिकित्सालयों में जो स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं वह अपने आप में उल्लेखनीय हैं।
समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि समस्त युवा चिकित्सकों को संकल्प लेना होगा कि भविष्य में श्रेष्ठ चिकित्सक बनकर समाज के दुखी व बीमार व्यक्तियों की सेवा के लिए हर समय तत्पर हों। उन्होंने कहा कि एम्स उत्तराखंड की भौगोलिक दृष्टिकोण से ऐसी जगह पर स्थित है, जहां पर चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाओं की नितांत कमी है, इसके लिए उत्तराखंड सरकार भी अनेक बार विभिन्न तरीकों से प्रयास करती रही है कि पहाड़ी व दुर्गम स्थानों में चिकित्सक व चिकित्सा सेवाएं सुगम कराने का भरसक प्रयास किए जाएं, लेकिन मूलतः कई चिकित्सक दूर दराज के इलाकों में जाकर सेवाएं देने में संकोच करते हैं क्योंकि वहां पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। डा. निंशक ने सभी लोगों से आह्वान किया कि जीवन में उत्तराखंड के पहाड़ी व दुर्गम स्थानों में रहने वाले रोगग्रस्त लोगों को अपनी सेवाएं एक बार अवश्य दें व उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सुअवसर अवश्य प्राप्त करें।
दीक्षांत समारोह में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्ष वर्धन ने युवा चिकित्सकों व नर्सिंग स्नातकों को आशीर्वाद दिया, उन्होंने युवा चिकित्सकों से कहा कि आज के बाद आप यहां से विदा होकर भविष्य के अगले पड़ाव पर जहां आपको दीन- दुखियों व गरीबों को सेवा देकर उन्हें लाभान्वित करना है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत को बधाई देते हुए कहा कि उनके द्वारा संस्थान का चहुंमुखी विकास करते हुए चिकित्सा, शिक्षा एवं संस्थान की शिक्षा नीति को मजबूत किया गया है,लिहाजा जो विशेष पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं, वह अपने आप में विशेष हैं। स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन जी ने कहा कि एम्स संस्थान द्वारा उत्तराखंड सरकार के चिकित्सा संस्थानों में नियुक्ति चिकित्सकों के लिए जो स्पेशल पाठ्यक्रम एम्स संस्थान द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे हैं, यह अपने आप में संस्थान द्वारा की गई अतुलनीय एवं सराहनीय पहल है। उन्होंने इसके लिए एम्स निदेशक को बधाई दी व उम्मीद जताई कि उनके इस अतुलनीय सहयोग से निकट भविष्य में उत्तराखंड में मेडिकल, पैरामेडिकल के क्षेत्र में भी सहयोग मिलता रहेगा। विशिष्ठ अतिथि द्वारा यह भी कहा गया कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए संस्थान द्वारा ऊंचे पर्वतीय व बर्फिले इलाकों में माउंटेन मेडिसिन व योगा आधारित एवं माइंड बॉडी मेडिसिन प्रोग्राम जैसे अकादमिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं यह योगनगरी ऋषिकेश व देवभूमि उत्तराखंड में अकल्पनीय हैं। निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत द्वारा समारोह के दौरान संस्थान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। निदेशक ने बताया कि एम्स 2013 में 50 बेड से शुरू हुआ था, जो आज अपनी समस्त टर्सरी केयर सेवाओं के साथ 1060 बेड की सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान में वर्तमान में सभी 45 स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट विभाग सफलतापूर्वक कार्यरत हैं।निदेशक एम्स ने बताया कि संस्थान की ओपीडी प्रतिवर्ष 8 लाख से अधिक हो चुकी है। जबकि आईपीडी में प्रतिवर्ष 50 हजार मरीजों को सेवा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि संस्थान ओपन हार्ट सर्जरी, कैथलैब, जीआईएंडोस्कोपी,डाईलिसिस,रेडियोथैरेपी, आईबीसीसी,ब्लड बैंक, रोबोटिक सर्जरी, मॉड्यूलर ओटी, एडवांस रिहेबिलिटेशन सेंटर, एनआईसीयू के साथ ही 24 घंटे इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। निदेशक एम्स ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत संस्थान में अब तक 25 हजार मरीजों का उपचार किया जा चुका है। दीक्षांत समारोह में संस्थान की ओर एमबीबीएस,पीजी,पीएचडी व नर्सिग के 252 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। जिनमें 19 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवाले विद्यार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रोंज मैडल से नवाजा गया। समारोह में डीन अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने एमबीबीएस विद्यार्थियों व डीन नर्सिंग ने नर्सिंग ऑफिसर्स को शपथ दिलाई।
इस अवसर पर राज्य विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, काबीना मंत्री हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पीजीआई निदेशक प्रो. योगेश चावला,एम्स संस्थान के अध्यक्ष प्रो्. समीरन नंदी , संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता , प्रो.बीना रवि,प्रो. लतिका मोहन, प्रो. सौरभ वार्ष्णेय, प्रो. प्रतिमा गुप्ता, प्रो. शालिनी राव, प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, डा. केएस रवि, डा. मनु मल्होत्रा, श्री शशिकांत आदि मौजूद थे।

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