उम्मीद…हाई कोर्ट के आदेश के बाद 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान लापता हुए लोगों के कंकाल खोजेगी पुलिस

देहरादून
उत्तराखण्ड के चारधाम यात्रा पर पूरी दुनिया के लोग हमेशा से आते रहे हैं पहाड़ो में देवताओं के इन चारधाम तीर्थो में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु इनके दर्शनों को पहुंचते हैं।2013 मे भी कुछ ऐसाही था लेकिंन अचानक हज़ारो लीटर पानी आने से अफरातफरी का माहौल बन गया था।लोग जान बचाने को इधर उधर भागे लेकिन पानी के तीव्र वेग ने अधिकांश लोगो को बचने का मोका नही दिया। कुछ के शव बरामद हुए लेकिन कुछ आज भी लापता है। आज भी लोग अपने परिजनों की किसी भी खबर के इंतज़ार में हैं। ऐसे ही दिल्ली के अजय गौतम ने नैनीताल उच्च न्यायालय में याचिका डाली थी।
इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखण्ड पुलिस एक्शन में आई है।
पुलिस ने 10 टीमों का गठन कर दिया है ज्ञात हो कि वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान मृत यात्रियों के कंकाल खोजने को पुलिस ने 10 टीमों का गठन किया है यह टीम 4 दिनों तक केदारनाथ जाने वाले विभिन्न ट्रेकरूट्स के साथ ही आसपास के क्षेत्रों और ग्लेशियरों में कंकाल खोजने का कार्य करेगी टीम में चमोली और पौड़ी जिलों से भी पुलिस व एसडीआरएफ के जवानों को शामिल किया गया है।
एसपी रुद्रप्रयाग नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि प्रत्येक टीम का लीडर एक एसआई होगा।टीम में पुलिस और एसडीआरएफ के दो-दो कांस्टेबल और एक फार्मेसिस्ट को शामिल किया गया है। खोजबीन अभियान की सफलता को गूगल मैप का उपयोग भी किया जाना है।
सभी टीमें केदारनाथ से वासुकी ताल, गौरीकुंड से केदारनाथ मार्ग के आसपास के क्षेत्र में कालीमठ से चौमासी होते हुए रामबाड़ा,रामबाडा से जंगल चट्टी व केदारनाथ बेस कैंप के ऊपर से केदारनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र गोरिकुण्ड गऊ मुखड़ा, केदारनाथ से चोडाबाड़ी,
ओर त्रियुगी नारायण से गरुड़चट्टी होते हुए केदारनाथ, गौरीकुंड से मुनकटिया के ऊपर क्षेत्र से होकर रुद्रप्रयाग तक अपना सर्च अभियान चलाएगी।
दिल्ली निवासी अजय गौतम की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को केदारनाथ समेत आसपास के संभावित क्षेत्रों में अभियान चलाकर नर कंकाल खोजने के आदेश दिए थे। हालांकि पूर्व में भी हाईकोर्ट के आदेश पर चलाए गए अभियान में 699 नर कंकाल मिल चुके हैं।जिनका DNA सेम्पल लेने के उपरांत विधि विधान पूर्वक अंतिम संस्कार कर दिया गया था ।
3187 यात्री अभी भी लापता चल रहे हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार केदारनाथ आपदा के दौरान कुल मिलाकर 3886 यात्री लापता हुए थे। हालांकि पुलिस पूरी मुस्तैदी से इस कार्य को अंजाम देने की कोशिश करती है लेकिन केदारनाथ की विपरीत परिस्थितियां ही हर बार अड़ंगा डालती हैं।

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