पर्यटक स्थलों को पहचान कर उनके रोजगार के संसाधन के रूप में विकसित करना है,भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास होने चाहिये…सीएम त्रिवेंद्र

देहरादून

 

नवम सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन का उद्घाटन

 

सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन (Sustainable Mountain Development Summit – IX) के वर्चुचल उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड त्रिवेन्द्र सिंह रावत मुख्य अतिथि एवं काॅनराड संगमा,मुख्यमंत्री, मेघालय विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित हुये। इस दौरान डा0 एकल्व्य शर्मा, डा0 राजेन्द्र डोभाल, पी0डी0 राय भी उपस्थित हुये।

अपने उद्घाटन सम्बोधन में त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा इंटीग्रेटेड माउन्टेन इनिशिएटिव ;आई.एम.आईद्ध एवं सतत् विकास मंच, उत्तरांचल को नवम सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन के आयोजन हेतु बधाई दी गयी। उनके द्वारा बताया गया कि कोविड 19 महामारी के दौरान राज्य के जागरूक नागरिकों द्वारा इस आपदा को अवसर में बदलने के प्रयास किये जा रहे हैं।

 

प्रवासियों हेतु स्किल मैपिंग के साथ राज्य सरकार ने एक आॅनलाइन पोर्टल प्रारम्भ की है जिसके अन्तर्गत कुशल श्रमिकों को पंजीकृत कर रोजगार के अवसर प्रदान किये

जा रहे है।

 

मुख्यमंत्री द्वारा हिमालय पाॅलिसी, हिमालय प्रोडक्ट, हिमालयन पर्सेनिलिटी के बारे में बताया। पर्यटक स्थलों को पहचान कर उनके रोजगार के संसाधन के रूप में विकसित करना है। भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास करना चाहिये।

 

ग्रोथ सेंटर के माध्यम से नवीन उद्योग क्रांन्ति प्रदेश में लायी जा रही है आज गांव का किसान एवं महिलायें उद्यमकर्ता बन सकती है। राज्य अपने ब्रांड को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से हाॅली ब्रांड नाम से प्रोडक्ट लांच करने जा रहा है। सीएम त्रिवेंद्र द्वारा अपने उद्बोधन के दौरान आईएमआई एवं एसडीएफयू के संस्थापक रहे स्व. आरएस टोलिया को याद करते हुये बताया कि हिमालयी राज्यों से युवा उनसे प्रेरणा लेते हुये विश्वभर में अपनी ख्याति बिखेर रहे हैं।

 

डा. एकल्व्य शर्मा, डीडीजी, ICIMOD द्वारा Biodiversity and Hindu Kush Himalaya Mountains- Resillent Recovery from COVID-19 पर विशेष व्याख्यान दिया गया।

 

डा. राजेन्द्र डोभाल, अध्यक्ष, सतत् विकास मंच, उत्तरांचल द्वारा स्वागत भाषण देते हुये सम्मेलन की थीम “कोविड-19 के पश्चात एक लचीली पर्वतीय अर्थव्यवस्था की संरचना के उभरते आयाम अनुकूलन, नवप्रवर्तन तथा शीघ्रीकरण” के बारे में विस्तार से बताया। यह भी बताया कि चार दिनों तक चलने वाले सम्मेलन के दौरान कोविड-19 के पश्चात् पलायन एवं स्थानीय आर्थिकी, जलवायु परिवर्तन एवं आपदा न्यूनीकरण, कृषि आधारित आजीविका पर नवाचार, जल संरक्षण, ग्रामीण आर्थिकी के लिए अनुकूल रणनीति, संस्थानों की नेटवर्किंग तथा यथोचित वित्तीय सहायता तथा डिजिटल जाॅब एवं ग्रीन फ्यूचर आदि विषय प्रमुख रूप से उठाये जायेगें। इसके अलावा डा0 डोभाल ने आज अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस के अवसर पर सभी को बधाई देते हुये हिमालय की जैवसम्पदा के बारे में भी बताया। डा0 डोभाल द्वारा बताया गया कि अगला सम्मेलन कलिमपांग, दार्जिलिंग में आयोजित किया जायेगा।

 

पी.डी.राय, अध्यक्ष, इंटीग्रेटेड माउन्टेन इनिशिएटिव (आई.एम.आई) द्वारा सत्र की अध्यक्षता की गयी तथा सम्मेलन का उद्देश्य बताया। उनके द्वारा कहा गया कि आईएमआई द्वारा प्रत्येक वर्ष यह सम्मेलन हिमालयी राज्यों में आयोजित कराया जाता है। इस सम्मेलन में सम्पूर्ण हिमालयी राज्यों के राजनैतिक तथा सामाजिक क्षेत्र के विद्वान एवं विदुषियां प्रतिभाग कर रहे हैं।

 

इस अवसर पर प्रा.एएन पुरोहित, डा. जीएस रावत,एसटीएस लेप्चा, श्रीमती विनीता शाह, डा0 पीयूष जोशी,गोलन, मिस अमृता, मिस प्रेरणा, प्रदीप,अम्बा जमीर एवं हिमाशुं उपस्थित थे।

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