प्रदेश की राजधानी के केंट थाने में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ आइएमए कीतहरीर

देहरादून

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की उत्तराखंड इकाई ने पतंजलि के सर्वेसर्वा योगगुरु बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ देहरादून के कैंट थाने में तहरीर दे दी।

IMA ने कोरोनिल की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग कर डाली। जबकि आइएमए ने प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार को भी एक शिकायती पत्र दे दिया है।

आइएमए के प्रदेश सचिव डा. अजय खन्ना ने बताया कि कोरोना को लेकर आम जन में व्याप्त भय का बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने अनुचित लाभ लियाँ है। सोची समझी रणनीति के तहत कोरोनिल को कोरोना की प्रभावी दवा बताकर बाजार में उतारा गया था। यहाँ खास बाय ये भी है कि इसमें तमाम नियम-कायदे, क्लीनिकल ट्रायल आदि की अवहेलना की गई।

जब देश-विदेश के तमाम वायरोलोजिस्ट व रिसर्च संस्थान कोरोना वायरस को समझने और इसका निदान ढूंढने में असमर्थ हो रहे थे, तो इन्होंने दो-तीन माह के भीतर ही कथित रिसर्च व क्लिनिकल ट्रायल कर दवा भी बना ली। इसे कोरोना के उपचार में प्रभावी बता कईयों के जीवन खतरे में डाल दिया है।

आमजन को जागरूक करने के लिए आइएमए ने कई स्तर पर प्रयास किए गए। यही कारण रहा कि बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण एलोपैथिक डॉक्टर्स से रंजिश रखने लगे। वरना एलोपैथी चिकित्सा और चिकित्सकों को लेकर उनकी ओर से तमाम तरह के बयान न जारी होते। उन्होंने तो एलोपैथी को मूखर्तापूर्ण विज्ञान तक कह दिया। वैक्सीन को लेकर भी समाज के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की और कहा कि टीके लगवाने के बाद भी कई चिकित्सकों की मौत हो गई।

जिसके पीछे यह मंशा थी कि एलोपैथी को लेकर आम जन मानस के बीच घृणा पैदा की जाए और लोग कोरोनिल खरीदने को प्रेरित हों। थाना केंट में दी गयी तहरीर में भी आईएमए ने इसको लेकर आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी एक्ट और धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.