भारत के संविधान में भीमराव अंबेडकर ने गरिमा व देश की एकता बनाये रखने का संदेश दिया है…अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश

देहरादून
संविधान दिवस के अवसर पर सचिवालय सभागार में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश की उपस्थिति में सचिवालय के समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा ‘‘भारत के संविधान’’ के संकल्प को दोहराया गया।
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि भारत के संविधान में समस्त नागरिकों की गरिमा व देश की एकता बनाये रखने का वृहद एवं शाश्वत संदेश है। उन्होंने भारतीय संविधान की अवधारणा पर विस्तार से जानकारी देते हुए समस्त कार्मिकों से संविधान की भावना के अनुरूप दायित्वों का निर्वहन करते हुए मजबूत राष्ट्र निर्माण का आह्वान किया।
इस अवसर पर मीडिया को दिये गये साक्षात्कार में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि आज के दिन सन् 1949 में भारत के संविधान को अंगीकृत किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के गठन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उस समय के महत्वपूर्ण लोगों की अह्म भूमिका रही थी। इनमें बाबा साहब भीम राव अम्बेड़कर का नाम अग्रणी है। उन्होंने कहा कि प्रथम संविधान सभा में सचिदानन्द सिन्हा, के.एम.मुंशी, उ.प्र के प्रथम मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत आदि थे, जिन्होंने हमारे लिए जो पथ निश्चित किया था, उसका मूल उद्देश्य भारत के संविधान के उद्देश्यिका में वर्णित हैं। हमारे राष्ट्र की अवधारणा हमारे संविधान में सुनिश्चित हुई है। जिस रास्ते पर चलना है, उसमें निश्चित किया गया है। उन्होंने संस्कृत की उक्ति महाजनों येन गतः स पन्था का उदधृत करते हुए कहा कि जिस पथ पर हमारे तपस्वी/पूर्वज चले हैं, और उन्होंने राष्ट्र निर्माण हेतु जिस पथ को सुनिश्चित किया है, उस पर चलना हमारी प्रतिबद्धता है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आनन्दबर्द्धन, श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव हरबंस सिंह चुग, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, महानिदेशक उद्योग एल.फैनई, प्रभारी सचिव रणवीर सिंह, अपर सचिव विनोद कुमार सुमन सहित सचिवालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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