आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने को उमड़ा भारी जन सैलाब, ध्वज क्रेक हुआ पर अनहोनी टली

देहरादून।

दरबार साहिब में हुआ श्री झण्डे जी का आरोहण, इसी के साथ हुआ श्री झण्डे जी मेले का विधिवत शुभारंभ।कुछ देर ध्वजदंड के क्रेक होने पर रुककर पुनः चढ़ाया गया ।आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए श्री दरबार साहिब में शुक्रवार को श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालु झण्डे जी के सम्मुख श्रद्धा के साथ शीश नवाए खड़े रहे। सुबह से बारिश लगातार हो रही थी, बारिश के साथ साथ संगत गिलाफ चढ़ाती जाती व श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारे लेकिन संगत झण्डा जी आरोहण के दौरान कुछ समय का विलम्ब जरूर हुआ, जब श्री झण्डे जी का आराहण करते हुए झण्डे जी का एक हिस्सा चटक कर गिर गया। इसे संगतों की आस्था व श्री गुरु महाराज जी का आशीर्वाद ही कहेंगे कि कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई। संगत में 7 लोगों को मामूली चोटें आईं जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से भेज दिया गया। हर कोई श्री झण्डा साहिब के समक्ष मत्था टेकने और गुरु महाराज के दर्शन को बेताब रहा। श्री दरबार साहिब परिसर व आसपास के क्षेत्रों में तिल रखने भर की भी जगह नहीं थी। जैसे-जैसे झण्डे जी पर गिलाफ के आवरण चढ़ाने का क्रम बढ़ता जाता, संगतों का उत्साह भी पराकाष्ठा तक पहुंचता जाता। दर्शनी गिलाफ के चढ़ते ही व श्री झण्डे जी के आरोहण की प्रक्रिया प्रारम्भ होते ही श्री गुरु राम राय महाराज जी के जयकारों की ध्वनि तेज हुई और शुक्रवार शाम 6 बजकर 40 मिनट पर श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुआई में श्री झण्डे जी का आरोहण किया गया, वैसे ही पूरी द्रोणनगरी श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से गूंज उठी। श्रद्धालुओं ने श्री गुरु महाराज जी के जयकारे लगाए व ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया। इसी के साथ देहरादून के ऐतिहासिक एवम् सांस्कृतिक विरासत श्री झण्डे जी मेले का विधिवत शुभारंभ हुआ।

  • सूर्य की पहली किरण भी धरती पर नहीं पड़ी थी कि श्री दरबार साहिब परिसर एवम् आस-पास का क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। धीमी बुंदाबांदी के बीच सुबह की पूजा अर्चना हुई व कुछ ही देर बाद मौसम खुल गया फिर श्री झण्डे जी आरोहण के समय हुई बूंदाबांदी के बावजूद संगतों के श्रद्धा व उत्साह से जमी रही।
    श्री झण्डे जी को उतारने के लिए संगतें श्री झण्डे जी के नीचे एकत्र हो गईं। श्री झण्डे जी को उतरते व फिर चढ़ते देखना अपने आप में अद्भुत एवम अद्वितीय नज़ारा है इस पुण्य को अर्जित करने के लिए देश-विदेश से आई संगतें इस पावन बेला का साल भर बेसब्री से इंतजार करती हैं। सुबह 8. बजे श्री झण्डे जी को उतारा गया व पूजा अर्चना की गई।  श्री झण्डे जी (पवित्र ध्वज दण्ड) को संगतों ने सुबह दूध, घी, शहद, गंगाजल व पंचगब्यों से स्नान करवाया। 105 फीट ऊंचे श्री झण्डे जी पर पहले सादे और शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई। खास बात यह कि इस दौरान श्री झण्डे जी को ज़मीन पर नहीं रखा जाता। संगतें अपनी हाथों पर झण्डे जी को थामे रहती हैं। दोपहर करीब 12 बजे श्री झण्डे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया गया। हर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए उत्सुक दिखा। दो बजकर 40 .मिनट पर नए मखमली वस्त्र और सुनहरे गोटों से सुसज्जित श्री झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया आरंभ की गई। श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के दिशा-निर्देशन में श्री झण्डे जी के नीचे लगी कैंचियों को थामे श्रद्धालुजन झंडे जी को उठा रहे थे। पूरा श्री दरबार साहिब श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से गूंज उठा। इसी दौरान एक बाज ने श्री झण्डे जी की भी परिक्रमा की। झण्डे जी के आरोहण के समय बाज की इस चमत्कारी उपस्थिति को श्री गुरु राम राय जी महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति के रूप में हर साल दर्ज किया जाता है।
    श्री झण्डे जी आरोहण के दौरान एसपी सिटी श्वेता चैबी व उनकी टीम ने मुस्तैदी के साथ मोर्चा सम्भाले रखे करीब साढ़े 4 बजे ध्वज का एक हिस्सा चटककर टूटने के कारण कुछ देर के लिए गहमागहमी का माहौल हुआ, लेकिन एसपी सिटी व उनकी पुलिस फोर्स ने पूरे मौके को बखूबी संभाला ओर भगदड़ नहीं मची। संगत भी अपनी जगह पर डटी रही।
    झण्डे जी के आरोहण के बाद श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सभी देश व प्रदेशवासियों सहित संगत को श्री झण्डे जी मेले की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। श्री महाराज जी ने कहा कि झण्डा मेला प्रेम, सदभावना, आपसी भाईचारा, सौहार्द, उल्लास व अमन-चैन का संदेश देने वाला मेला है। उन्होंने कहा कि श्री झण्डे जी पर शीश नवाने से सभी भक्तों की मन्नतें पूरी होती हैं, यही वजह है कि श्रद्धालुओं की श्री झण्डे जी की प्रति आस्था बढ़ती जा रही है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि देशवासियों-प्रदेशवासियों व श्री झण्डे जी मेले में शामिल होने आई संगतों पर श्री गुरु राम राय जी महाराज की कृपा सदैव बनी रहे।
    लगातार हो रही बारिश के कारण श्री झण्डे जी (ध्वज दण्ड) को उठाने वाली कैंची एकाएक चटक गई, व ध्वज दण्ड का नीचे के हिस्सा क्रैक हो गया। कुछ देर के लिए ऐसा लगा कि कोई बड़ी अनहोनी हो गई लेकिन गुरु महाराज के आशीर्वाद व संगतों के सहयोग से बड़ी अनहोनी टल गई। लगातार बारिश के कारण ध्वज दण्ड का निचला हिस्सा कुछ कमजोर हो गया था यही कारण माना जा रहा है कि सम्भवतया ध्वज दण्ड का निचला हिस्सा क्रैक हुआ होगा।
    झण्डे जी पर शीश नवाने के लिए देश के कोने कोने से पहुंची संगतों ने श्री गुरु राम राय जी महाराज के दरबार में हाजरी लगाई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश सहित विदेशों से आई संगतें श्री झण्डे जी आरोहण की साक्षी बनी। श्री दरबार साहिब में श्रद्धालु भजन-कीर्तन के साथ ही गुरु महिमा का गुणगान करते रहे। श्रद्धालुओं ने ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया।
    श्रद्धालुओं ने श्री दरबार साहिब स्थित पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई। सुबह से ही श्रद्धालु यहां स्नान कर रहे थे।

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