नाबार्ड ने कृषि क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केंद्र (एसीएबीसी )योजना पर की राज्य स्तरीय कार्यशाला

देहरादुन

कृषि क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केंद्र (एसीएबीसी )योजना पर नाबार्ड द्वारा किया गया राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा कृषि क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केंद्र (एसीएबीसी) की जानकारी हेतु राज्य स्तरीय कार्यशाल आईटी पार्क सहस्त्रधारा रोड स्थित नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में वेब कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। कार्यशाला मे राज्य सरकार के कृषि विभाग, पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा वाणिज्यिक बैंको, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक तथा राज्य सहकारी बैंक के अधिकारियों ने भाग लिया ।
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए नाबार्ड देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय के महाप्रबन्धक (जीएम) भास्कर पंत ने उत्तराखंड में किसानो की स्थिति के बारें में चर्चा करते हुए राज्य के लघु एवं सीमांत किसानो की आय मे वृद्धि करने मे किसान उत्पादक संगठनो (FPO) के संभावी योगदान को चिन्हित किया । उन्होने ACABC योजना के तहत प्रशिक्षित उम्मीदवारों की संख्या एवं स्थापित व्यवसायो की संख्या के बीच के अंतर को कम करने पर ज़ोर दिया ताकि अधिकतम योग्य उम्मीदवार एवं किसान इस योजना से लाभान्वित हो सके तथा कृषि क्षेत्र मे विस्तार सेवाएँ उपलब्ध हो सके । आपने इस दौरान किसानो को उनके ही स्थान पर पूरक रोजगार एवं आय में वृद्धि के साधन उपलब्ध करवाने पर ज़ोर दिया।

कार्यशाला में अजय कुमार सोनी, प्रबन्धक एवं निष्यंत चन्द्रा, सहायक प्रबन्धक, नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा एसीएबीसी योजना पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण के दौरान मैनेज संस्था की प्रोफेसर डॉ कनक दुर्गा ने योजना के बारे लोगो के बीच जागरूकता की कमी को रेखांकित किया ।

एस एल बिरला, उप महाप्रबंधक, नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय ने सभी सहभागी बैंको से इसी तरह की कार्यशालाओ का आयोजन कृषि संस्थानो मे करने का अनुरोध किया ताकि कृषि विषय के छात्रों को स्वरोजगार के लिए योजना की जानकारी मिल सके । आपने सभी सहभागी बैंको को संभावी उद्यमियों की पहचान करके ACABC योजना के अन्तर्गत व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक ऋण सहायता देने के आह्वान किया ताकि इस योजना का लाभ अधिकतम किसानो को मिले ।

एस एल बिरला ने योजना के अंतर्गत सब्सिडी के लिए आवश्यक दस्तावेजो का भी जिक्र किया जिनकी कमी के कारण सबसिडी अदायगी मे होने वाली अनावश्यक देरी से बचा जा सके।
कार्यशाला के दौरान उपस्थित सफल डेयरी उधमिओ एवं एग्री क्लीनिक –एग्री बिजनीस केंद्र स्थापित किए हुए कुछ सफल कृषि स्नातको ने भी अपने अनुभव बताए तथा उक्त योजनाओ का लाभ लेकर उनके आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार से अवगत कराया।

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