साइबर फ्रॉड के वर्कआउट में हेल्प के लिए पुलिस ने तैयार की बुकलेट

देहरादुन

लगातार बढ़ रहे सायबर फ्रॉड के मामलों को देखते हुए अब तक पुलिस वर्कआउट किए गए मामलों के आधार पर मामलों को सुलझाने के लिए बुकलेट तैयार कर चुकी है। पुलिस द्वारा बनाई गई इस बुकलेट से पुलिस कर्मियों को फ्रॉड के मामलों में वर्कआउट करने में हेल्प मिलेगी। इसमें केस वाईड स्टडी और उसके बाद रिकवरी को लेकर केस सॉल्व करने के तरीके भी शामिल होंगे।

एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह बताते हैं कि इस बुकलेट से पुलिसकर्मियों को फ्रॉड केस सॉल्व करने में बहुत ही महत्वपूर्ण मदद मिलने जा रही है।किसी फ्रॉड के मामले के आने के बाद किस प्रकार स्टेप बाय स्टेप हम जांच में आगे बढ़ेंगे इस बुकलेट में पूरी तरह से यही समझाया गया है।उन्होंने बताया कि अगर किसी के वॉलेट से पैसे निकाले गए हैं तो सबसे पहले संबंधित बैंक या संस्था को मेल कर बेसिक प्रक्रिया प्रोसेस शुरू होने से पहले की प्रक्रिया और साथ ही इसके बाद क्या कार्यवाही करनी है इसके लिए सभी पुलिसकर्मियों को बुकलेट से हेल्प मिलेगी।
बुकलेट के सहारे ही केस और उस को सॉल्व करने की ट्रेनिंग भी उसे स्वतः ही मिल जाएगी।

देखा जाए तो आज प्रतिदिन दर्जनों लोग साइबर क्रिमिनल्स के झांसे में फसते जा रहे हैं पब्लिक को कई बार साइबर फ़्रॉड होने के बाद कंप्लेंट को लेकर पूरी जानकारी नहीं होती है, हालांकि फ्रॉड के मामलों को सॉल्व करने के लिए पुलिस को जिन तकनीकी बारीकियों को समझने की जरूरत होती है। इस बुकलेट में मिलेगी।

कई बार फ्रॉड के मामलों में लेट करने पर पैसा तो अकाउंट से निकल जाता है और वापस नहीं मिल पाता। ऐसे में फ्रॉड होने के 24 घंटे के अंदर कार्रवाई होने पर पैसा बचने की पूरी उम्मीद रहती है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि बैंकों की प्रक्रिया को समझाया जा सके। इसी को देखते हुए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा बुकलेट को तैयार कर बुकलेट को तैयार कर केस की प्रक्रिया को समझाना ज्यादा आसान हो जाएगा।

एसएसपी अजय सिंह बताते है कि अगर बात करें रिकवरी की तो 2021 में पिछले 3 महीनों में ही पुलिस ने 40 लाख की रिकवरी की है साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के द्वारा साइबर फ्रॉड के मामलों में आज तुरंत एक्शन लेकर सबसे पहले ठगों द्वारा एकाउंट में डाले गए पैसों की रिकवरी करने की कोशिश की जा रही है। रिकवरी के लिए पीड़ित को भी फ्रॉड होने के बाद समय से पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट दर्ज करानी चाहिए जिससे पुलिस तुरंत एक्शन ले सके। दून में थाना पुलिस और साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन की ओर से अलग-अलग तरीके से साइबर फ़्रॉड के मामलों में कार्रवाई की जाती है।

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