राजकुमार चरित्रहीन व्यक्ति मेरी बीवी पर गलत निगाह रखता था इसीलिए मैंने उसकी हत्या कर दी…सुरेश

देहरादून /ऋषिकेश

 

थाना ऋषिकेश क्षेत्र से गुमशुदा हुए व्यक्ति की हत्या का खुलासा, तीन अभियुक्त हत्या में प्रयुक्त महिन्द्रा जायलो वाहन के साथ गिरफ्तार,अभियुक्तों के कब्जे से गुमशुदा की स्कूटी बरामद*

 

रूपेश गुप्ता पुत्र राजकुमार गुप्ता निवासी – मायाकुण्ड ने कोतवाली ऋषिकेश में रिपोर्ट लिखवाई कि मेरे पिताजी राजकुमार गुप्ता 15 जनवरी दोपहर एक बजे रोजमर्रा की भांति घर से अपनी सुजुकी स्कूटी संख्या: यूके14-जी-8978 पर निकले थे, जो अभी तक वापस नहीं आये हैं। हमारे द्वारा अपने सभी रिश्तेदारो के यहां उनकी तलाश की गयी, पर उनका कोई पता नहीं चल सका। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के द्वारा गुमशुदा व्यक्ति की तलाश हेतू आदेशित किया गया। जिसके लिए प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश द्वारा चार अलग-अलग टीमें गठित की गयी।

 

गठित टीमों में से प्रथम टीम द्वारा सर्विलांस के माध्यम से लगभग 100 से अधिक नम्बरों की काल डिटेल्स व डंप डाटा का बारीकी से विश्लेषण किया गया, द्वितीय टीम द्वारा घटना स्थल, निजी सस्थानो, दुकानों, घरों में लगे लगभग 55 सीसीटीवी कैमरो को चैक किया गया।

 

पुलिस टीम द्वारा किये गये प्रयासों से एक सीसीटीवी फुटेज में गुमशुदा व्यक्ति 15 जनवरी को अपने घर से अपनी स्कूटी नम्बर UK14G-8978 रंग काला से अकेले मण्डी तिराहा होते हुए काले की ढाल से नंदू फार्म तक तथा नंदू फार्म से एक अन्य व्यक्ति के साथ सोमेश्वर नगर की तरफ जाता हुआ दिखाई दिया। जिस पर पुलिस टीम द्वारा गुमशुदा उपरोक्त के साथ जाते हुए दिखाई दे रहे अन्य व्यक्ति की तलाश हेतु मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया तथा आगे के रास्तों की सीसीटीवी फुटेजों को चैक किया गया।

 

मुखबिर के माध्यम से गुमशुदा के साथ जाते हुए व्यक्ति की पहचान सुरेश चौधरी निवासी: बापू ग्राम के रूप में हुई, जिस पर पुलिस टीम द्वारा सुरेश चौधरी की तलाश हेतु उसके निवास स्थान पर दबिश दी गयी, तो उसके घर पर दो अन्य व्यक्ति मय वाहन जायलो गाडी के मौजूद मिले। जिन्हें पुलिस टीम द्वारा पूछताछ हेतु थाने लाया गया, उक्त व्यक्तियो से सख्ती से पूछताछ करने पर उनके द्वारा गुमशुदा राजकुमार गुप्ता की हत्या कर शव को जनपद बिजनौर क्षेत्र के मण्डावर इलाके में जला देने की बात कुबूल की गयी, अभियुक्तों से प्राप्त जानकारी के आधार पर मण्डावर थाने से सम्पर्क करने पर ज्ञात हुआ कि 16 जनवरी को अभियुक्तों द्वारा बताये गये स्थान पर मण्डावर पुलिस को एक अधजला शव बरामद हुआ था, जिसकी शिनाख्त न होने के कारण 19 जनवरी को मण्डावर पुलिस द्वारा हिन्दू रीति रिवाज से उसका अन्तिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस टीम द्वारा वादी व अभियुक्तों को 23 जनवरी को उनके बताये गये घटना स्थल पर ले जाया गया, जहां सम्बन्धित थाने से घटना से सम्बन्धित अभिलेख प्राप्त किये गये, जिन्हें वादी द्वारा अपने पिता राजकुमार गुप्ता से सम्बन्धित होना बताया गया। जिस पर अभियुक्तगणों को 23 जनवरी को 7 बजे जनपद बिजनौर के इनामपुर गांव से गिरफ्तार किया गया तथा अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस टीम द्वारा मृतक की स्कूटी बरामद की गयी।

 

पूछताछ में अभियुक्त सुरेश द्वारा बताया गया कि राजकुमार गुप्ता निवासी मायाकुण्ड ब्याज पर रूपये देने का काम करता था, मेरे द्वारा 2 वर्ष पूर्व अपनी बेटी नेहा के विवाह हेतु उससे 6 लाख रूपये ब्याज पर लिये थे, जिसे मेरे द्वारा किश्तों के रूप में लगातार दिया जा रहा था। किन्तु राजकुमार गुप्ता द्वारा मुझ पर और पैसों के लिये लगातार दबाव बनाया जा रहा था। राजकुमार गुप्ता एक चरित्रहीन व्यक्ति था व उसकी मेरी पत्नी पर गलत निगाह थी, मेरे द्वारा 2 जनवरी को उसे अपने घर पर देखा था तभी से मैने राजकुमार गुप्ता की हत्या करने का मन बना लिया था। अपनी योजना को अंजाम देने के लिये मेरे द्वारा अपने भतीजे पप्पू उर्फ इन्द्रपाल व अपने एक अन्य रिश्तेदार राजकुमार निवासी बिजनौर को अपनी योजना के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें इसमें शामिल होने तथा घटना को अंजाम देने के बाद दोनो को एक-एक लाख रूपये देने की बात की गयी थी। जिस पर दोनो राजी हो गये और 15 जनवरी को जब रोज की तरह राजकुमार गुप्ता अपनी स्कूटी से बापूग्राम की तरफ आ रहा था तो मेरे द्वारा उसे रास्ते में रोककर पैसे व लडकी का इन्तेजाम होने की बात कहकर अपने साथ चलने को कहा गया, जिस पर राजकुमार तैयार हो गया। मैं राजकुमार को उसकी स्कूटी में पीछे बैठाकर सोमेश्वर नगर होते हुए बायपास स्थित स्मृति वन के अन्दर जंगल में ले गया, जहां पर पहले से मेरे साथी राजकुमार व इन्द्रपाल गाडी में मौजूद थे। हम तीनों ने जंगल में रस्सी से राजकुमार गुप्ता का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

 

16 जनवरी की प्रात: लगभग साढ़े 3 बजे शव को ठिकाने लगाने हेतु हम उसे महेन्द्रा जायलो वाहन से ले गये पर श्यामपुर फाटक के पास पुलिस की चैकिंग होने के कारण हमें अपना वाहन खैरी श्यामपुर के कच्चे रास्ते से होते हुए मण्डावर बिजनौर ले जाना पडा, और बिजनौर में इनामपुर रजवाहे के पास एक एकांत स्थान पर हमने राजकुमार गुप्ता के शव को पैट्रोल डालकर जला दिया, उसके पश्चात हम तीनो वापस ऋषिकेश आ गये।

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