सन्त रविदास समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में पिरोने वाले संत थे …. गामा

देहरादून

लगभग 600 वर्ष पूर्व भक्ति आंदोलन के जरिए समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में पिरोने का काम संत रविदास ने किया था, ऐसे व्यक्तित्व जिस भी काल में आते हैं वह काल उनके किए कार्यों के कारण इतिहास में दर्ज होता है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सेवा समिति ब्रम्हपुरी द्वारा आयोजित संत रविदास के 644 वे जन्मोत्सव कार्यक्रम में बोलते हुए महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा संत रविदास का जीवन अनुकरणीय है क्योंकि उन्होंने अपने काल में समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के विरुद्ध संघर्ष किया।
गामा ने इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार द्वारा ब्रम्हपुरी, धर्मपुर विधानसभा, देहरादून महानगर एवं प्रदेश में किए जा रहे विकास कार्यों का विवरण देते हुए अगले वर्ष एक बार फिर भाजपा सरकार को पुनर्स्थापित करने हेतु उपस्थित जनता से अपील की।
धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने संत रविदास से जुड़ी घटनाओं को उद्धृत करते हुए कहा की संत अपने कालखंड में समाज में चल रहे आडंबर एवं छुआछूत से टकराए, टकराने वालों को बहुत कुछ सहना पड़ता है पर आने वाला इतिहास युगो तक उसे याद रखता है।
यही कारण है कि आज हम उन्हें याद कर रहे हैं और आने वाले सैकड़ों सालों तक याद करते रहेंगे , चमोली के अनुसार संत रविदास ने मन की शुद्धि को स्थापित कर बताया कि परोपकार में ही आनंद, भक्ति और मुक्ति है यानी मन चंगा तो कठौती में गंगा।
चमोली ने कहा कि परिवार में बच्चों की किलकारी हमें बताती है कि हमारी आने वाली पीढ़ी सुरक्षित है और बुजुर्ग अभिभावकों की खांसी हमें बताती है कि हम सुरक्षित हैं, संत रविदास की रचनाओं से हमें उसी सामाजिक सुरक्षा का एहसास होता है जिसके कारण आतताई के षड्यंत्र के बावजूद हमारी एकता हजारों वर्षों से बनी हुई है।

भाजपा महानगर मीडिया प्रभारी राजीव उनियाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संत रविदास, डॉक्टर अंबेडकर जैसे व्यक्ति अपना जीवन समाज हेतु होम कर देते हैं ताकि समाज में समरसता स्थापित रहे।
पार्षद सतीश कश्यप ने इस अवसर पर महापौर एवं विधायक से ब्रम्हपुरी में अंबेडकर भवन बनाने की अपील की जिसे दोनों नेताओं ने तुरंत स्वीकृति दी और बताया कि यह छठ पार्क से अलग भूमि पर बनाया जाएगा जिस हेतु नगर निगम शीघ्र ही प्रस्ताव लाएगा।


कार्यक्रम में शिव नारायण तिवारी, हरवीर सिंह यादव, मुकेश चौहान, विनोद गुप्ता, विजय कुमार, योगेंद्र सिंह गुड्डू , विजयपाल, राजाराम, दयाराम , रामबहादुर, रामकिशन, संजीव सिंघल, श्रीमती विद्या देवी, निधि राणा, कमला देवी, ओमवती सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया।

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