कांग्रेस के वरिष्ठ नेता,दलितों के मसीहा बूटा सिंह हमारे बीच नही रहे

देहरादून/नई दिल्ली

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का शनिवार सुबह ही निधन हो गया, लंबे समय से अस्वस्थ थे। उनका जन्म पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में 21 मार्च 1934 को हुआ था। इसके अलावा वो 8 बार सांसद चुने गए। बूटा सिंह को दलितों का मसीहा भी कहा जाता था। उनको कई बार कांग्रेस को मुश्किल हालातों से बाहर निकालने का क्रेडिट भी मिला।

उत्तराखण्ड के  वरिष्ठ नेता ओर पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत के साथ उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है।

बूटा सिंह की पहचान देश और पंजाब के बड़े दलित नेता के तौर पर रही। उनके बाद उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं। बूटा सिंह राजीव गांधी सरकार में साल 1986 से 1989 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे। इससे पूर्व राजीव सरकार में ही 1984 से 1986 तक कृषि मंत्री का पदभार भी संभाला था। हालांकि इसके अलावा बूटा 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे थे। इनकी दलितों में विशेष पकड़ के चलते 2007 से 2010 तक मनमोहन सिंह की सरकार में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में काम करने का मौका मिला।

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