शहिद राकेश की अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब, बेटी नित्या ने कहा पिता का त्याग बेकार नही होगा,में भी फौजी बनूंगी

ऋषिकेश
भारत माँ की रक्षा में सीमा पर तैनात बी एस एफ के सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल देश की हिफाजत करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।जिनका शव आज यहां पहुंचा। उनकी अन्तिम यात्रा में
तीर्थनगरी ऋषिकेश में हज़ारों लोग विदाई देने शामिल हुए।

बताते चले कि कश्मीर के बारमूला में पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई गोलीबारी में देश की सीमाओं की हिफाजत में तैनात ऋषिकेश के गंगानगर निवासी बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल वीरगति को प्राप्त हो गए थे।

यहा पहुंचे उनके साथ सीमा पर लड़ रहे फोजियो का सीना उस समय गर्व से और बड़ा हो गया जब शहीद राकेश की बेटी नित्या डोभाल ने अपने पिता को सेल्यूट करते हुए कहा कि मुझको अपने पिता के फौजी होने पर गर्व है उसने कहा कि हमारे देश के फौजी अपनी जान जोखिम में डालकर हम सबकी रक्षा करते हैं।उसके पिता की शहादत बेकार नही जाएगी ओर वो भी बड़ी होकर फ़ौज में जाएगी।


सोमवार को उनका पार्थिव शरीर उनके निवास पर पहुंचा। पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। शहीद की नन्हीं बेटियों के क्रदंन देख हर किसी की आंखें नम हो गई थी। जब उनके शव को फौजी ट्रक में रखा गया तो ऋषिकेश के हर शख्श की आंखे नम थी।पूरा शहर अपने राकेश को अंतिम विदाई देने उमड़ पड़ा हो।

जगह जगह शव वाहन पर लोगों ने पुष्प अर्पित कर वीर शहीद के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहे थे। बच्चे बड़े युवा जीमो भी अंतिम यात्रा में पहुंचा बस यही दोहरा रहा था ..जब तब सूरज चांद रहेगा, राकेश तेरा नाम रहेगा। राकेश तेरा ये बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान आदि गंगन भेदी नारो से ऋषिकेष गूंज रहा था।

इस दौरान यात्रा में शामिल लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ खासा गुस्सा भी दिखाई दिया। नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए पार्थिव शरीर को मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद घाट ले जाया गया । यहां पर बीएसएफ, स्थानीय पुलिस ने वीर शहीद राकेश डोभाल को अंतिम सलामी दी।
अंतिम यात्रा में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग, प्रशासन के प्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।

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