देवस्थानम बोर्ड के विरोध में उतरे श्री गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित

देहरादून/ऋषिकेश

बद्रीनाथ ओर केदारनाथ मंदिरों पर देवस्थजन्म बोर्ड के नियंत्रण के बाद गंगोत्री जा रही टीम को बैरंग लोटा दिया तीर्थ पुरोहितों ने।

श्री गंगोत्री धाम में देवस्थानम बोर्ड कार्यालय खोलने पहुंची टीम को को उत्तरकाशी से ही वॉपस लौटना पड़ गया। श्री गंगोत्रीधाम के तीर्थ पुरोहितों न स्पष्ट कर दिया है कि मंदिर उनके ही नियंत्रण में रहेगा।
देवस्थानम बोर्ड के टीम लीडर राकेश सेमवाल ने बताया कि उत्तरकाशी से लौटने के बाद बोर्ड को सारी वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया गया है।
बताते चले कि भाजपा की प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड के चारो धाम आदिधाम श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री समेत 51 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड के अधीन कर दिया है। श्री बदरीनाथ श्री केदारनाथ मंदिर पहले से ही सरकार के नियंत्रण में हैं।

अब देवस्थानम बोर्ड श्री गंगोत्री आऔर श्री यमुनोत्री मंदिर की व्यवस्थाओं को अपने हाथ में लेने की तैयारी में हैं। गत दिनों बोर्ड अधिकारियों की टीम को गंगोत्री के लिए रवाना किया गया था। ताकि गंगोत्री में देवस्थानम बोर्ड का कार्यालय खोला जा सके।

इस बात की भनक जैसे ही तीर्थ पुरोहितों को मिली तो वे विरोध में उतर गए। प्रशासन की मध्यस्थता में उत्तरकाशी में हुई बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने पूछा कि आखिर देवस्थानम बोर्ड की टीम श्री गंगोत्रीधाम के गंगोत्री जाने ल
का मकसद ही क्या है। देवस्थानम बोर्ड की टीम ने अपनी बात जरूर रखी लेकिन तीर्थ पुरोहितों और उनके पक्ष में उतरे जनप्रतिनिधियों के तेवरों को देख टीम को उत्तरकाशी से ही बैरंग लौटना ही मुनासिब समझा।

श्री गंगोत्री धाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों ने स्पष्ट किया कि मंदिर उनके नियंत्रण और प्रबंधन में ही रहेगा। इसमें देवस्थानम बोर्ड को दखल नही देना चाहिए। अगर इसमे सरकार ने हस्तक्षेप किया तो विरोध किया जाएगा।

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