कालिका मंदिर का 70 वा ध्वजारोहण कार्यक्रम धूमधाम के साथ संपन्न, ज्ञानानंद एवम् किशन गिरी महाराज ने किया ध्वजारोहण

देहरादून

वीरवार को 70 वां वार्षिक ध्वजारोहण महोत्सव के उपलक्ष में बुधवारको हुए रात्रि जागरण के पश्चात. प्रातः 7 बजे महंत किशन गिरी जी द्वारा ध्वजअवतरण के कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ और शाम को ध्वजारोहण के साथ संपन्न हो गया।

वीरवार शाम को मां जगदंबा की आरती अपार भक्त समाज द्वारा की गई तत्पश्चात प्रसाद वितरण हुआ। श्री सिंदुरिया हनुमान मंदिर में ऊपरी तल पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम हुआ रामचरितमानस के नवाहन पाठ की परीसमाप्ति हुई. प्रातः 10 बजे मां कालिका अष्टधातु कीर्ति स्तंभ का अभिषेक मंदिर के पुजारियों द्वारा किया गया दोपहर 12:30 बजे राम जन्मोत्सव श्री सिंदुरिया हनुमान मंदिर में मनाया गया वह 100 किलो लड्डू का भोग लगाया गया।

मां कालिका यज्ञशाला में राम जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री राम यज्ञ हुआ पूरा मंदिर का वातावरण जय माता की जय कारों गूंज माय हो गया दोपहर 1:30 मंदिर समिति द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें सभी भक्त समाज को व प्रसाद वितरण किया गया। साईं 5 बजे से भक्तो का अपार समूह मन्दिर में आने लगा व जय माता दी के जयकरो से मन्दिर गूंजमय हो गया।

6:05 पर कुरुछेत्र से पधारे परम पूज्य गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज द्वारा अनेक संतो एवम् के साथ महंत किशन गिरी द्वारा ध्वजारोहण का कार्यक्रम हुआ।मंदिर में पधारे हुए भक्त समाज द्वारा जय माता दी जय माता दी द्वारा जयकारे लगाए गए माता जी की भव्य आरती हुई।

आरती के बाद माता की चौकी हुई सभी भक़्त समाज नाचते गाते एक दूसरे को बधाईया दे रहे थे।

कालिका मंदिर द्वारा 70 वें ध्वजारोहण कार्यक्रम के अवसर पर गगन सेठी, दयाल धवन,जय किशन कक्कर, रमेश साहनी, नरेश मैनी,भारत भूषण शर्मा, श्याम अरोरा, प्रदुमन मैनी, पवन अरोरा, नन्द कुमार आनंद, एन. के.दत्ता, कैलाश मदान, अशोक लांभा, राम स्वरुप भाटिया, सतीश कक्कर, पंडित.चन्दर प्रकाश ममगई, बिजेन्दर शास्त्री, पंडित.राजेंदर थपलियाल, कमल गुलाटी, महेश डोरा, विजय अरोरा, संजीव शर्मा, संतोख नागपाल, स्वर्ण कालरा, हर्ष गिरोटी, जीतेन्द्र अरोरा, सतीश मेहता,साहिल आहूजा , कमल गुप्ता, नीरज, प्रदुमन मैनी, गुलशन, कक्कर, शैंकी डोरा, अभिषेक वादवा,मुरली, जस्सी, दीपक बिस्ट, महेश जैस्वाल, मनीष कनोजिया, वेदु शर्मा , शरद डोरा, दिनकर चांदना,संजय चांदना, संजय आनंद व अपार भक़्त समाज उपसित था।

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