केंद्र व राज्य की सरकारें किसानों के हित में ही तीनो बिलो को लेकर आई है,विपक्षी किसानो को बरगलाने में लगे हैं

देहरादून

उत्तराखण्ड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।इसी को देखते हुए नए किसान बिल लाये गए हैं इससे किसानों की आय में बेत हाशा वृद्धि होगी।

रविवार को सूबे के भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कौशिक ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन विधेयक पारित किए हैं वे किसानों के हित में हैं,
उससे किसान आत्मनिर्भर और सशक्त होगा।

कौशिक ने कहा कि किसानों पर अपनी फसल को बेचने को लेकर जो बंदिशें वर्षों से लगी थी इन कृषि विधेयकों के माध्यम से प्रधानमंन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अन्नदाताओं को असली आजादी दी है। किसान ग्लोबलाइजेशन के दौर में आत्मनिर्भर , सशक्त व उनकी आय बढ़ सके इसी के मध्य नजर मोदी सरकार ने 3 कृषि विधेयक पारित किए हैं। लेकिन दुर्भाग्य से विपक्षी दलों द्वारा हमारे मेहनती किसान,अन्नदाताओं को बरगलाने का काम किया जा रहा है ।

कौशिक ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व इस बिल का विरोध करने वाले कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल इस विधेयक के पक्ष में थे ये उनके लोकसभा और राज्यसभा में दिए बयानों से स्पष्ट है।
लेकिन आज इन कानूनों के प्रति उनका रुख बहुत ही निराश करता है।
लोकतंत्र में विरोध करना पूर्ण रूप से सभी का अधिकार है लेकिन देश के अन्नदाताओं को गुमराह कर उनके हितों के साथ कुठाराघात करने का विपक्षी दलों का अभियान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। दोनों सदनों में स्वच्छ चर्चा के बाद ये बिल भारी बहुमत से पास हुए हैं जिसमें दूसरे दलों ने भी सदन में इस बिल का समर्थन किया।

उन्होंने कहा कि किसानों को गलत तथ्य देकर भ्रमित किया जा रहा है कि वह अपने जमीन का मालिकाना हक खो देगा किसान आज भी अपनी जमीन का मालिक है और कल भी रहेगा । सरकार ने इस बिल में किसानों के लिए बोनस की व्यवस्था रखी है इसके अंतर्गत यदि किसान को अपना करार समाप्त करना है तो इसके लिए वह पूर्ण स्वतंत्रत है।

कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा है ये बिल किसानों के हितों व उनकी आय बढ़ाने के लिए लाया गया है बिल में एमएसपी जिस प्रकार से पहले थी उसी प्रकार से आगे भी चलती रहेगी ।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के बीच में जाकर इस विधेयक की पूर्ण जानकारी साझा करेंगीं । उनके हकों के लिए केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दी है ये किसानों को बताएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानो को मंडी की समाप्ति को लेकर भ्रमित किया जा रहा है जो कि सरासर गलत है , इसके लिए प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि जिस प्रकार मंडी पहले थी आगे भी रहेगी। इन विधेयकों से किसान हर प्रकार से स्वतंत्र हो गया है वह अब अपनी फसल मंडी के अंदर और मंडी के बाहर, राज्य में या राज्य के बाहर कहीं भी उचित दाम पर स्वेच्छा से बेचने के लिए स्वतंत्र है।
केंद्र व राज्य की सरकारें किसानों के हित में ही तीनो बिलो को लेकर आई है,विपक्षी किसानो को बरगलाने में लगे हैं

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