गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब के कपाट श्रृद्धालुओं के लिये विधिवत खुल गए,2000 से ज्यादा श्रद्धालु संगत के साथ अरदास को पहुंचे

देहरादून/ऋषिकेश/हेमकुंड

गुरुद्वारा श्री हेमकुण्ट साहिब के कपाट आज प्रातः शनिवार 20 मई से श्रृद्धालुओं के लिये विधिवत अरदास के साथ खोल दिए गए।

इसके साथ ही आज इस पावन एवं शुभ अवसर पर लगभग 2000 संगतों की उपस्थिति में श्री हेमकुण्ट साहिब की पावन यात्रा का भव्य रूप से आरंभ हो गया है।

ऋषिकेश गुरूद्वारा परिसर से 17 मई को पंज प्यारों की अगुवाई में राज्यपाल गुरमीत सिंह, मख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं अन्य मंत्रीगणों द्वारा पहले जत्था को रवाना किया गया था जो कि गुरूद्वारा गोविंद घाट से गोविंद धाम पैदल चलते हुए आज प्रातः श्री हेमकुण्ट साहिब जा पहुंचा। प्रातःकाल से ही हजारों की संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालु श्री हेमकुण्ट साहिब पहुंचने लगे।बैंड बाजों की धुनों एवं संगतों द्वारा किए गए कीर्तन, पुष्पवर्षा के बीच पंज प्यारों की अगुवाई में गुरूद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथी भाई मिलाप सिंह एवं गुरूद्वारा हेमकुण्ट साहिब के प्रबंधक सरदार गुरनाम सिंह द्वारा प्रातः 9:30 बजे पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को सुखासन स्थल से दरबार साहिब में लाया गया तथा पावन प्रकाश करते हुए अरदास की मुख्य ग्रंथी द्वारा प्रातः 10.15 बजे सुखमनी साहिब जी का पाठ किया गया। प्रातः 11.30 बजे से भाई सूबा सिंह रागी जत्था भाई सुखविंदर सिंह रागी जत्था एवं भाई जसवीर सिंह रागी जत्था द्वारा गुरबाणी कीर्तन किया गया जिससे कि दरबार साहिब में उपस्थित संगतें निहाल हो उठीं। इसके पश्चात् दोपहर 12.30 बजे अरदास की गई एवं पहला हुकमनामा जारी किया गया। इसके अलावा निशान साहिब के चोले की सेवा भी चलती रही एवं फूलों से दरबार हॉल की सजावट भी की गई।

पवित्र धाम श्री हेमकुण्ट साहिब में काफी बर्फ होने के बावजूद गुरु महाराज की कृपा से हर्षोल्लास के साथ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा का शुभारंभ हो गया।

418 इंडीपेंडेंट कोर के जवानों एवं प्रशासन के साथ गुरुधर के सेवादारों ने भी सफल यात्रा के लिए सहयोग किया। यात्रा शुभारंभ के इस पावन अवसर पर ब्रिगेडियर एवं ऑफिसर कमांडर भी मौजूद रहे। गुरूद्वारा ट्रस्ट आशा करता है कि आने वाले सभी श्रृद्धालु पवित्र भावना व आपसी सौहार्द के साथ प्रशासन एवं गुरूघर सेवादारों को सहयोग करते हुए यात्रा को निर्विघ्न सफल बनाएगें।

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