चारधाम को लेकर सचिव पर्यटन के दौरे का असर,ऋषिकेश और हरिद्वार में पंजीकरण को इंतजार हुआ खत्म, तुरंत लीजिए पंजीकरण की सुविधा

देहरादून

चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए आ रहे श्रद्धालुओं का ऋषिकेश और हरिद्वार के पंजीकरण केंद्र पर इंतजार अब खत्म हो गया है। अब यहां पहुंचते ही यात्रियों का तुरंत पंजीकरण हो रहा है। इसकी वजह से न केवल यात्रियों की भीड़ नियंत्रित हो गई है बल्कि चारधाम यात्रा पर आये तीर्थयात्रियों की यात्रा भी आसान हो रही है। इसका कारण उत्तराखंड पर्यटन विभाग की चुस्त दुरुस्त तैयारियों को माना जा रहा है।

मंगलवार की सुबह हरिद्वार के पंजीकरण केंद्र पर जहां श्रदालुओं की कतार देखी गई वहीं शाम होते होते पूरा पंडाल खाली हो गया। इसी तरह की स्थिति ऋषिकेश के पंजीकरण केंद्र पर रही। मंगलवार को हरिद्वार और ऋषिकेश में 4124 यात्रियों पंजीयन हुआ। इसके अलावा गौचर में 225, घनसाली में 64 और हीना में 138 यात्रियों का पंजीयन हुआ।

पंजीयन के बाद यात्रियों को वाहन की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जा रही है ताकि आगे की यात्रा के लिए यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। विगत दिनों सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने ऋषिकेश स्थित पंजीकरण स्थल का दौरा कर आगे की यात्रा के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों को वाहन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। इसी तरह से स्वास्थ्य और नगर निगम विभाग को भी निर्देश देकर यात्रियों की हर सुविधा का ख्याल रखने के लिए कहा गया है।

ऋषिकेश में आईएसबीटी और हरिद्वार में चमगादड़ टापू पर फिजिकल रजिस्ट्रेशन काउंटर संचालित किए जा रहे हैं। इससे पहले केवल ऋषिकेश में पंजीकरण काउंटर बनाया गया था। लेकिन यात्रियों की भीड़ को देखते हुए एसडीआरएफ तथा पर्यटन विभाग ने हरिद्वार में पंजीकरण केंद्र का संचालन शुरू किया। इन पंजीकरण केंद्रों पर लगने वाली भीड़ धीरे—धीरे सामान्य हो गई है और अब स्थिति यह है कि यात्रियों के यहां पहुंचते ही बिना लाइन में लगे पंजीकरण होने लगा है। यात्रियों को जहां इन सुविधाओं से राहत हुई है वहीं पर्यटन विभाग भी यात्रियों की सुविधा का ख्याल रख पा रहा है।

गौरतलब है कि यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने जहां ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई वहीं बिना पंजीकरण के उत्तराखंड पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों के लिए ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि चारधाम और हेमकुंड साहिब आने वाला कोई भी तीर्थयात्री खाली हाथ न लौटे। रजिस्ट्रेशन काउंटर के अलावा मंदिरों में दर्शन हेतु कतार प्रबंधन के लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था भी की गई है।

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