प्रदेश में स्कूल खोलने को सरकार ने पेरेंट्स, स्कूल प्रबंधन सहित सभी पक्षो की राय पर छोड़ा..अरविंद पांडे

पर्वतीय प्रदेश उत्तराखण्ड में स्कूलों को खोलने के संबंध में विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक हुई । बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के बाद मीडिया सेंटर सचिवालय में मीडिया को जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने बताया कि स्कूलों को खोले जाने के संबंध में कोई भी निर्णय स्कूलों के प्रबंधन, अभिभावकों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श के बाद आम राय से ही लिया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एक सप्ताह में अपने जिले से संबंधित फीडबैक शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी अपने जिलों में कोविड-19 की स्थिति, वहां के स्कूलों के प्रबंधन समितियों और अभिभावकों की राय के आधार पर फीडबैक देंगे। जिलों से प्राप्त फीडबैक के बाद स्वास्थ्य विभाग के साथ विचार विमर्श कर आवश्यकतानुसार कैबिनेट में ही निर्णय लिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री पांडे ने बताया कि यदि स्कूलों को खोलने के बारे में राय बन जाती है तो तीन चरणों में स्कूलों को खोले जाने का प्रस्ताव किया जाएगा।
जिसके मुताबिक
पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक,
दूसरे चरण में कक्षा 6 से 12 तक

और तीसरे चरण में सभी कक्षाओं को शामिल किया जाना प्रस्तावित है।
सभी स्कूलों में कोविड-19 के लिए जरूरी प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। अभिभावको की अनुमति के बिना किसी भी छात्र/छात्रा को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।

गांधी जयंती को लेकर कहा कि इस कार्यक्रम में केवल शिक्षक शामिल होंगे।शिक्षकों को अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा और इसमे छात्रों को शामिल न होने की हिदायत की गई है।

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