इंटर्न को सुझाव दिया कि किसी भी मरीज के रोग के निदान के लिए शुरुआत से लेकर अंतिम उपचार और निर्वहन तक उन्हें रोगी के साथ रहना चाहिए….पद्मश्री रविकांत

देहरादून/ऋषिकेश

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में इंटर्नशिप ओरिएंटेशन प्रोग्राम 2021 वि​धिवत शुरू हो गया।

 

इस आठ दिवसीय वृहद प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षु चिकित्सकों को इंटर्नशिप अवधि के दौरान रोगी की देखभाल संबंधी विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जाएगी, साथ ही इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाओं के बाबत संक्षिप्त व्याख्यानमाला का आयोजन भी किया जाएगा। संस्थान के मेडिकल एजुकेशन विभाग में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने 8 दिवसीय इंटर्नशिप ओरिएंटेशन प्रोग्राम 2021 का विधिवत शुभारंभ किया।

 

इस अवसर पर इंटर्न के नए बैच को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने चिकित्सा क्षेत्र में अपने व्यक्तिगत व्यवहारिक अनुभव इंटर्न चिकित्सकों से साझा किए। साथ ही उन्होंंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से इंटर्न को रोगी की देखभाल के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने जोर दिया कि चिकित्सक का रोगी के उपचार व देखभाल के दौरान उसके प्रति आचरण और व्यवहार कुशल होना चाहिए।

 

उन्होंने इंटर्न को सुझाव दिया कि किसी भी मरीज के रोग के निदान के लिए शुरुआत से लेकर अंतिम उपचार और निर्वहन तक उन्हें रोगी के साथ रहना चाहिए और इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाओं और कौशलों से परिचित होना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि इंटर्नशिप की अवधि एक भावी चिकित्सक के लिए रोगी से बातचीतऔर सीखने के लिए सबसे अनुकूल समय और अवसर है।

 

संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने इंटर्नंस को अपने संदेश में कहा कि उन्हें सहानुभूति और करुणा के साथ रोगियों का उपचार करना चाहिए। संकायाध्यक्ष शैक्षणिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि लोगों व खासकर मरीजों के प्रति सद्व्यवहार से एक अच्छा इंसान बनने पर वह एक दिन अपने आप अच्छे चिकित्सक बन जाएंगे।

इस अवसर पर बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सॉफ्टस्किल्स और पेशेंट इंटरेक्शन पर भी विशेषरूप से ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही विभिन्न प्रकार के अनुकरण के द्वारा इन कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।

 

मेडिकल एजुकेशन विभागाध्यक्ष प्रो शालिनी राव की देखरेख में आयोजित इंटर्नशिप ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोऑर्डिनेटर व शल्य चिकित्सा विभाग के अपर आचार्य डॉ. फरहान उल हुदा, निश्चेतना विभाग के सहायक आचार्य डॉ. मृदुल धर आदि मौजूद थे।

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