सीडीएस विपिन रावत सहित सभी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली में किया जाएगा

देहरादून/दिल्ली

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार (10 दिसंबर) को दिल्ली कैंटोमेंट में किया जाएगा। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए आर्मी हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले देश के पहले सीडीएस जरनल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तक मिलिट्री प्लेन से राजधानी दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।

गुरुवार यानी आज शाम तक दिल्ली पहुंचने के बाद पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह उनके घर लाया जाएगा और लोगों को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्रद्धांजलि देने की अनुमति दी जाएगी, इसके बाद एक अंतिम संस्कार जुलूस कामराज मार्ग से दिल्ली छावनी में बरार स्क्वायर श्मशान तक निकाला जाएगा। बता दें कि इस हादसे में सीडीएस रावत समेत कुल 13 लोगों की जान गई है। इसमें कई सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं जो हेलिकॉप्टर में सवार थे।

भारतीय वायुसेना और अन्य अधिकारियों ने कहा कि 2019 में सीडीएस नियुक्त किए गए जनरल रावत और उनके दल को ले जा रहा हेलिकॉप्टर संभवत: धुंध वाली मौसमी परिस्थितियों में दुर्घटना का शिकार हुआ जिसमें 13 लोगों की जान चली गई। इस दुर्घटना में केवल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जीवित बचे है उनकी बॉडी बुरी तरह से झुलसी हुई है।

उत्तराखण्ड सरकार ने तीन दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा कल ही कर दी थी।वहीं उत्तराखण्ड कांग्रेस ने अपने सभी कार्यक्रम,बैठके स्थगित कर दिये हैं।
वहीं IMA में पासिंग आउट परेड का कार्यक्रम भी वीरवार को रोक दिया गया।माना जा रहा है कि 11 दिसम्बर को होने वाले मुख्य कार्यक्रम में भी फेरबदल की संभावना व्यक्त की जा रही है क्योंकि इस कार्यक्रम में प्रेजिडेंट रामलाल कोविंद मुख्य अतिथि थे इनके साथ ही सीडीएस विपिन रावत को भी आना था। वीरवार की बात की जाए तो आईएमए के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब POP के किसी कार्यक्रम को रोक गया हो।

बिपिन रावत के जीवन परिचय की बात की जाए तो उनका परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहा है। उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए। जनरल रावत की दो बेटियां हैं।
जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष और शहीदों के आश्रितों की भलाई के अभियान में सक्रिय रही।आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन भारत के सबसे बड़े स्वैच्छिक संगठनों में से एक है, जो स्थापना के समय से ही आर्मी जवानों की पत्नी, सेना के कर्मियों के आश्रितों के सामाजिक सशक्तिकरण और कौशल निर्माण में लगा है।

जनरल बिपिन रावत उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले के गांव सैन बमरौली ग्रामसभा के निवासी हैं। उन्होंने इक्षा जताई थी कि वे सेवानिवृत्त होने के बाद अपने पैतृक गांव में हि रहेँगे विपिन रावत ने देहरादून और शिमला में पढ़ाई पूरी करने के बाद एनडीए और आईएमए देहरादून से सेना में एंट्री ली थी। वे 1978 में सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से मिलिट्री-मीडिया स्ट्रैटेजिक स्टडीज में पीएचडी भी की थी।

जनरल बिपिन रावत ने 17 दिसंबर 2016 को जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद 27 वें सेनाध्यक्ष के रूप में भारतीय सेना की कमान संभाली थी। 1 जनवरी 2020 को देश में पहली बार CDS सीडीएस की नियुक्ति हुई थी और जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस नियुक्त किए गए।

बिपिन रावत ने ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में भी कई सालों तक काम किया है। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें ‘परम विशिष्ठ सेवा मेडल’ से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ठ सेवा मेडल आदि सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

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