विश्व प्रसिद्ध उत्तराखंड की फूलों की घाटी ने भी बनाया रिकॉर्ड दीदार को 280 विदेशियों के साथ 20827 पर्यटक पहुंचे,31 अक्तूबर को शीतकाल के लिए हो रही बंद

देहरादून/चमोली

उत्तराखंड की विश्वप्रसिद्ध फूलों की घाटी कल यानी 31 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएगी।

बताते चलें कि इस साल फूलों की घाटी में रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक पहुंचे थे।जिससे वन विभाग को 31 लाख से अधिक की आय प्राप्त हुई है। वहीं क्षेत्र के होटल रेस्टोरेंट व्यवसायियों को भी पर्यटकों के पहुंचने से इस बार अच्छी आमद हुई है। कोरोना काल के बाद फूलों की घाटी व हेमकुंड साहिब में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगी थी लेकिन इस वर्ष उम्मीद जगी थी और उम्मीद सच भी साबित हुई। जिसके चलते इस वर्ष फूलों की घाटी व हेमकुंड साहिब में रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक पहुंचे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों के साथ -साथ वन विभाग को भी अच्छी खासी इनकम हुई है। हालंकि बताया कि हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के बाद फूलों की घाटी में भी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।

जिसके चलते अब कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया है, हालांकि अभी भी फूलों की घाटी के अनेकों पड़ावों पर कई दुकानें खुली हुई
दिख रही है।

वन विभाग के अनुसार विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए 31 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दी जाएगी। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के फूलों की घाटी के रेंज के रेंजाधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि इस वर्ष अभी तक 280 विदेशी पर्यटकों के साथ ही 20827 पर्यटक फूलों की घाटी के दीदार कर चुके हैं।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इस बार रिकॉर्ड पर्यटक पहुंचे, जो कि अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहले कभी भी एक सीजन में इतने पर्यटक घाटी में नहीं पहुंचे।

बताते चलें कि चमोली जिले में समुद्रतल से 12995 फीट की ऊंचाई पर स्थित फूलों की घाटी को यूनेस्को ने वर्ष 2005 में विश्व धरोहर का दर्जा दिया था। 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली इस घाटी में जहां 500 से अधिक दुर्लभ प्रजाति के फूल खिलते हैं, वहीं दुर्लभ हिमालयी जीव-जंतु, परिंदों और जड़ी-बूटियों का दीदार भी किया जा सकता हैं। यही वजह है कि हर साल यहां हजारों देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं।

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