लिंपोडिया (हाथी पांव) का उपचार एम्स में भी सम्भव..पद्मश्री रविकान्त

देहरादून/ऋषिकेश अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के तत्वावधान में लिंपोडिया (हाथी पांव) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसमें इस रोग के कारण व उपचार पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई। मंगलवार को एम्स के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग की ओर से लिंपोडिया (हाथी पांव) रोग विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि संस्थान को लिंपोडिया का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर स्थापित किया जाएगा। जिसके लिए लिंपेटिक एजुकेशन एंड रिसर्च नेटवर्क (लर्न )कैलिफोर्निया का सहयोग लिया जाएगा, जिससे लोग इस बीमारी से निजात पा सकें। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि भारत में 45 प्रतिशत लोग हाथी पांव (लिंपोडिया) नामक बीमारी से ग्रसित हैं,जिसका उपचार संभव है। उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए एम्स ऋषिकेश संस्थान में इस बीमारी का उपचार उपलब्ध करा दिया गया है। लिहाजा बीमारी से ग्रसित लोग इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। कार्यशाला में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टेनले रॉक्सन, डा. एसबी गोगिया व थैरेपिस्ट अरुण रेखा गोगिया ने लिंपोडिया बीमारी के बाबत व्याख्यान प्रस्तुत किया, उन्होंने प्रशिक्षणार्थी रेजिडेंट्स चिकित्सकों व स्टाफ को इस बीमारी की उपचार विधि का प्रशिक्षण दिया। साथ ही इस बीमारी के निदान के लिए विभिन्न प्रकार की ड्रेसिंग व पंप आदि के बाबत जानकारियां दी। संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता जी व प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. विशाल मागो जी ने बताया कि हाथी पांव नामक बीमारी में पूरा पैर सूजन से ग्रसित हो जाता है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में इस बीमारी का उपचार संभव नहीं है,जिससे लोगों को उपचार के लिए अन्यत्र अस्पतालों में जाना पड़ता है,लिहाजा ऐसे लोगों की सुविधा के लिए प्लास्टिक सर्जरी विभाग में उपचार उपलब्ध कराया गया है। इस अवसर पर विभाग के डा. अक्षय कपूर, डा. अल्ताफ मीर, एमसीएच स्टूडेंट्स डा. निशंक मनोहर, डा. अमरीश, डा. निखिलेश, डा. समीर,डा. प्रवीन, डा. रहीम,डा. यशस्वनी, डा. श्रीषा आदि मौजूद थे।

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