उत्तराखण्ड ने 22 वर्ष की अवस्था पूर्ण कर अनेक उतार-चढ़ाव देखे बावजूद उसके महिलाओं एवं युवा पीढ़ी का भविष्य उत्तराखण्ड में सुरक्षित रहे उनके सिर का बोझ कम हो और चेहरों पर मुस्कान के लिए अभी भी काम करने की जरूरत है… करण माहरा

देहरादून

 

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के आह्वान पर उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस ने राज्यभर में गोष्ठी एवं पदयात्रायें आयोजित कर राज्य स्थापना दिवस मनाया।

 

प्रदेशभर में कांग्रेसजनों ने जिला, महानगर, ब्लाक एवं नगर मुख्यालयों पर राज्य निर्माण के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए ’’22 वर्षों में उत्तराखण्ड ने क्या खोया-क्या पाया’’ विषय पर गोष्ठी एवं पदयात्राओं का आयोजन किया गया। 

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने शहीद स्थल पहुंचकर उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के शहीदों को शत्-शत् नमन करते हुए उनके बलिदान को याद किया। उत्तराखण्ड राज्य शहीद आंदोलनकारियों की धरोहर है जिन्होंने राज्य निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उत्तराखण्ड का जनमानस शहीदों और आन्दोलनकारियों के इस महान बलिदान को शत्-शत् नमन करता है। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में मातृ शक्ति, छात्र शक्ति, युवा शक्ति ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया जिसे उत्तराखण्ड के इतिहास में सदैव याद किया जाता रहेगा। राज्य निर्माण आन्दोलन में मसूरी, खटीमा तथा मुजफ्फरनगर के गोलीकांड के शहीदों की बड़ी भूमिका रही है जिसने राज्य निर्माण आन्दोलन को मुकाम तक पहुंचाया।

 

प्रदेश कार्यालय में महानगर कांग्रेस कमेटी देहरादून द्वारा आयोजित गोष्ठी में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने राज्यवासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में उत्तराखण्ड के सभी वर्गो के लोगों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन के दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड आन्दोलन को तन, मन, धन से पल्लवित और पोषित करने का काम किया है। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन के दौरान देशभर में जहां भी यहां के निवासी रहते हैं उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की थी इसलिए उत्तराखण्ड निर्माण में उनके योगदान को भी नहीं भुलाया जा सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि 9 नवम्बर 2021 को उत्तराखण्ड 22 वर्ष की अवस्था पूर्ण कर चुका है। इन 22 वर्षाें मंे उत्तराखण्ड राज्य ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। आज भी उत्तराखण्ड के सामने अनेकानेक चुनौतियां है, विशेषकर महिलाओं एवं युवा पीढ़ी का भविष्य उत्तराखण्ड में सुरक्षित रहे उनके सिर का बोझ कम हो और चेहरों पर मुस्कान आये, इस हेतु अभी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि प्रथम निर्वाचित कांग्रेस पार्टी की सरकार ने मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के नेतृत्व में राज्य में विभागों का ढांचा तैयार कर विकास की बुनियाद डाली तथा 900 करोड़ की वार्षिक योजना का आकार बढ़ाकर 5000 करोड़ तक पहुंचाया। राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित कर राज्य के बेरोजगार नवयुवकों के लिए रोजगार सृजन करने का काम किया। कांग्रेस शासन में टिहरी बांध, मनेरी भाली, धौली गंगा जल विद्युत परियोजनाओं का काम पूरा कर राज्य को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र मंे आत्म निर्भर करने का काम किया। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन कर एलटी के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य के पर्वतीय कृषि उत्पादों को बढ़ावा देते हुए किसानों को प्रति कुंतल अतिरिक्त बोनस की व्यवस्था कर पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि को पुर्नजीवित करने का काम किया। राज्य में हरेला जैसे पर्व मनाकर उत्तराखण्ड की संस्कृति को विश्व पटल में पहचान दिलाने का काम किया। कांग्रेस सरकार ने 2013 की दैवीय आपदा से चैपट हो चुके पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाने का काम किया। आज उत्तराखण्ड के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन की है जिसे रोकने के लिए ठोस प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकारों ने अपने कार्यकाल में जनता की उपेक्षा तथा झूठे वादे करने के अलावा कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की अवधारणा तथा राज्य निर्माण के शहीदों की भावनाओं को साकार रूप देने एवं जनभावनाओं के अनुरूप गैरसैण में विधानसभा भवन का निर्माण करवाते हुए माह नवम्बर, 2015 में गैरसैण में विधानसभा सत्र आहुत किया गया इसी के साथ राज्य विधानसभा में वर्ष 2017 का बजट सत्र गैरसैंण में आहुत करने का संकल्प भी पारित किया गया था।

करन माहरा ने कहा कि हम सबको मिलकर उत्तराखण्ड के निर्माण और विकास के शहीदों सपने को साकार करने के लिए अपनी सहभागिता निभानी है राज्य निर्माण के शहीदों को यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष एवं अग्रणी राज्य निर्माण आंदोलनकारी धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि वर्तमान में राज्य विरोधी पार्टी सत्ता पर काबिज है। हमने उत्तराखण्ड राज्य का सपना देखा था थाईलैंड का नहीं। प्रो. अरुण रतूड़ी ने कहा कि राज्य निर्माण आन्दोलनकारियों को अधिकार नहीं मिले। आज राज्य में खनन तथा वन सम्पदा का दोहन हो रहा है। अपनी पहचान को लेकर राज्य के लोगों में जागरूकता आई है। प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत ने कहा कि राज्यवासियों ने बहुत कुछ खोया है राज्य बडी मुश्किल से मिला है, आज राज्य में बेरोजगारी, महंगाई व कानून व्यवस्था की स्थिति दयनीय हो गई है। सत्या पोखरियाल ने राज्य आन्दोलन की यादें बताते हुए कविता पाठ किया। गोष्ठी को पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट, जोत सिंह गुनसोला, मनमोहन मल्ल, मनीष खण्डूरी, कोमल बोहरा, लक्ष्मी अग्रवाल,डाॅ. जसविंदर सिंह गोगी आदि ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने अनेक आन्दोलनकारियों को सम्मानित भी किया।

कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी, महामंत्री विजय सारस्वत, राजेन्द्र शाह, पी.के. अग्रवाल, गरिमा दसौनी, धनीलाल शाह, अमरजीत सिंह, दर्शन लाल, शिवा वर्मा, नवनीत सती, शीशपाल बिष्ट, राजेश पाण्डेय, शैलेन्द्र शेखर करगेती, शिवानी थपलियाल, नजमा खान, शोभाराम, लाखीराम बिजल्वाण, पुष्पा पंवार, विपुल नौटियाल, नीरज त्यागी, रविन्द्र पुण्डीर, अनुराधा, जितेन्द्र चैधरी, टीकाराम पाण्डेय, मंजू, शरीफ बेग, सत्या पोखरियाल, अनूप पासी आदि अनेक कांग्रेसजन उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.