उत्तराखण्ड पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन से स्तब्ध हो गया है।

देहरादून/नई दिल्ली
प्रदेश के राज्यपाल श्रीमती बेबिरानी मोर्य,सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही पूरे प्रदेश के लोग शोक में डूब गये हैं।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने अपने शोक संदेश में कहा है कि स्वर्गीय मुखर्जी एक असाधारण जन नेता, शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, सांसद और प्रशासक थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा में व्यतीत किया। भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल अविस्मरणीय रहा। स्वर्गीय मुखर्जी का देहरादून और उत्तराखंड से अत्यंत लगाव था और उन्होंने देहरादून स्थित ‘द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड स्टेट ‘आशियाना’ भवन का जीर्णोद्धार कराया था। राज्यपाल ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति भी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्होंने दिवंगत आत्मा की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। राजनीति, वित्त, विधि आदि क्षेत्रों के वे विशेषज्ञ थे। अपने लम्बे सार्वजनिक व राजनीतिक जीवन में उन्होंने गहरी छाप छोड़ी है। वे कुशल प्रशासक और भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे। स्वर्गीय मुखर्जी जी का देवभूमि उत्तराखंड के प्रति गहरा लगाव था। जब वे राष्ट्रपति थे तो उन्होंने उत्तराखण्ड विधानसभा को भी सम्बोधित किया था।

प्रणब दा कई बार उत्तराखंड आए और हमेशा ही अपने व्यक्तित्व से प्रभावित किया। राष्ट्रपति बनने के बाद वे पहली बार 28 सिंतबर 2016 को बाबा केदारनाथ के दर्शनों को आये थे  उन्होंने गर्भगृह में विशेष पूजा अर्चना के बाद मंदिर के पीछे दिव्य शिला को भी देखा था।  आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत प्रणब मुखर्जी ने मंदिर समिति की विजिटर बुक में लिखा था ‘दिव्य धाम है, अद्भुत है, मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैंने केदारनाथ के दर्शन किए।’

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