सीएम धामी से मिला उत्तराखंड परिवहन मजदूर संघ का प्रतिनिधि मण्डल बताई समस्याएं,फिलहाल आश्वासन

देहरादून

उत्तराखंड परिवहन मजदूर संघ उत्तराखंड प्रदेश का प्रतिनिधि मण्डल मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के आवास स्थित कार्यालय में विनय गोयल प्रदेश प्रवक्ता भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में परिवहन निगम की समस्याओं के समाधान हेतु मुलाकात की।

प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश अध्यक्ष सहदेव सिंह, प्रदेश महामंत्री बालकृष्ण शर्मा, प्रदेश मंत्री सहेन्द्र पाल सिंह, उपाध्यक्ष विजय सिंह एवं प्रदेश सदस्य राम कुमार प्रभाकर उपस्थित थे। प्रतिनिधिमण्डल द्वारा सीएम धामी को, परिवहन निगम कर्मचारियों की समस्याओं एवं निगम की वित्तीय स्थिती से अवगत कराया गया। प्रतिनिधिमंडल हारा मुख्य रूप से वर्तमान में A.CP के निर्धारण की कठौती, निगम का राजकीय करण किये जाने, सविदा / एजेन्सी चालकों (परिचालकों / कार्यशाला के कार्मिको का नियमितीकरण किये जाने एवं परिवहन निगम को प्रतिवर्ष 100 बसे आबंटित किये जाने की मांग रखी गयी । प्रतिनिधि मण्डल को मुख्यमंत्री द्वारा आश्वस्त किया गया कि परिवहन निगम के कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कर्मचारी हित में किया जायेगा जो की आवश्यक होगा।
उत्तराचंल परिवहन मजदूर संघ संम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ की मांगों में निम्न विन्दुओं पर ध्यान देने की जरूरत बताई गई…

1- परिवहन निगम कर्मचारियों को महामारी के चलते संचालन प्रभावित रहने पर उनके वेतन एवं अन्य देयकों तथा सेवा निवृत कर्मचारियों के भुगतान एवं परिवहन निगम की संचालन व्यवस्था हेतु कम से कम 200 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जाय ।

2- परिवहन निगम के अनेक कर्मचारी कोरोना संक्रमण के कारण और अनेक कर्मचारी पूर्व में अकाल मृत्यु को प्राप्त हुये हैं। पूर्व में मृतक आश्रितों की नियमित नियुक्ति विभाग द्वारा की जाती थी लेकिन वर्तमान में मृतक आश्रित भर्ती बन्द कर दी गयी है। संगठन मांग करता है कि मृतक आश्रित पर नियमित नियुक्ति की जाय

3- वर्ष 2000-2001 में तत्कालीन सरकार द्वारा परिवहन निगम के संचालन किये जाने पर लाम्बा कमेटी का गठन किया गया था उक्त कमेटी द्वारा अपने सुझाव एवं प्रस्ताव सरकार को दिये गये जो कि आज तक लागू नहीं किये गये हैं लाम्बा कमेटी के सुझावों को सार्वजनिक कर परिवहन निगम को प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुये परिवहन विभाग के अधीन संचालित किया जाय ।

4- आडिट के नाम पर ए०सी०पी० संशोधन हेतु शासनादेश के विपरीत मुख्यालय के पत्र संख्या 164 दि० 11.11.2020 से कर्मचारियों का वित्तीय शोषण किये जाने का प्रयास निगम प्रबन्धन द्वारा किया जा रहा है निगम प्रबन्धन द्वारा जानबूझकर कर्मचारियों में सरकार के प्रति प्रतिकूल मानसिकता बनाने के उद्देश्य से वित्त नियंत्रक परिवहन निगम के द्वारा जारी आदेश 132 दि० 2 सितम्बर 21 पर तत्काल रोक लगाकर गलत वेतन निर्धारण का पुनः निरीक्षण हेतु आदेश दिये जाय क्यों कि निगम प्रबन्धन द्वारा शासनादेश पर अपना आदेश जारी कर कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
5- परिवहन निगम में कार्यरत सविदा/वाहय स्रोत चालक परिचालकों एवं कार्यशालाओं में दैनिक मजदूरी पर रखे गये कार्मिकों को नियमित किया जाय एवं नियमितीकरण तक उनको

6- वर्तमान में ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों की बेराजगारी को देखते हुये उनको उनके ही क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने हेतु पर्वतीय क्षेत्रों के महत्वपूर्ण स्थानों जैसे – वागेश्वर श्रीनगर पौड़ी गैरसैण एवं धारचुला चम्पावत आदि स्थानों पर परिवहन निगम के डिपो खोलें जाय इस से डगामारी पर रोक के साथ ही साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा।

7- परिवहन निगम के स्वीकृत ढांचे में आवश्यक संशोधन कर निगम का संचालन ढांचे के अनुसार कराया जाय जिससे निगम के अनावश्यक खर्चे कम होंगे ।

8- उत्तराखंड परिवहन निगम एवं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के मध्य समझौते के अनुसार वर्तमान वाजार मुल्य के आधार पर परिसम्पत्तियों का बटवारा कराया जाय ताकि निगम की स्थिति पर सुधार हो सके ।

9-निगम प्रबन्धन द्वारा अनुबन्धित वाहन स्वामियों को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से अनुबन्ध की शर्ते तय की गयी हैं जिससे निगम को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है वाहनों के अनुबन्ध की शर्तों को पूर्व की भाति निगम हित में बनाया जाय और पूर्व नियमानुसार ही अनुबन्ध में 20 प्रतिशत वाहनो को अनुबन्ध में लिया जाय। निगम बोर्ड में पारित प्रस्ताव जिसमें अनुबन्धित बसों को 50 से 60 प्रतिशत किये जाने का है उसे निरस्त किया जाय।

10- परिवहन निगम गठन 2003 से आजतक की आय एवं व्यय एवं मुख्यालय स्तर से किये गये भुगतानों की जांच की जाय ।

11- वर्ष 2015-16 में यूरो-3 बसों की जांच हेतु गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाय और जांचोपरान्त आवश्यक कार्यवाही की जाय

12- परिवहन निगम हेतु प्रतिवर्ष लगभग 100 नयी बसों की खरीद हेतु बजट में व्यवस्था की जाय ।

13-केन्द्र सरकार द्वारा अनुमन्य न्यूनतम वेतन 24000/ प्रतिमाह के अनुसार भुगतान किया जाय।

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