उत्तराखंड के वरिष्ठ रंगकर्मी वीके डोभाल बने डॉक्टर वीके डोभाल,बिहार हिंदी यूनिवर्सिटी की ओर से उनकी उपलब्धियों को लेकर मिला डॉक्टरेट सम्मान

देहरादून

अब रंगकर्मी पत्रकार वीरेंद्र कुमार डोभाल डॉक्टर कहलाएंगे यानी वो अब लिख सकेंगे डॉक्टर वीरेंद्र कुमार डोभाल (डॉ.वीके डोभाल)।

सोमवार को जैसे ही वीके डोभाल के ऑफिस के साथियों को खबर मिली कि सबके कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाला,हरेक के सुख दुख में खड़ा रहने वाला भाई को डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया गया है। बस फिर सबने तैयारी कर ली कि उनके ऑफिस में आते ही उनका फूल मालाओं से स्वागत किया जाए मिठाई बांटी जाए। और फिर सभी जुट गए उनके स्वागत की तैयारी में। उनके आते ही उनका गला फूलो की मालाओ से भर चुका था। चाय और मिष्ठान्न की बयार बह रही थी।

बताते चलें कि डॉ वीके डोभाल

विधुत वितरण खंड मोहनपुर कार्यालय में कार्यालय अधीक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं।

वीके डोभाल को हाल ही में बिहार हिंदी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ देवेंद्र नाथ साह द्वारा कला साहित्य और रंगमंच की महत्वपूर्ण उपलब्धियों , शैक्षिक प्रदेयों , शोधकार्य के साथ साथ राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की और से डॉक्टरेट की उपाधि से अलंकृत किया गया है । वीके डोभाल ने नुक्कड़ नाटक.. उद्भव और विकास विषय पर गहन साहित्यक अध्ययन किया है ।

बताते चलें कि डॉ डोभाल उत्तराखंड बनने से पूर्व दूरदर्शन में गाजियाबाद,सहारनपुर आदि कई जिलों में कार्य कर चुके है।

डोभाल इप्टा के उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष हैं,उत्तराखंड प्रदेश बनने के उपरांत बनी दूरदर्शन की पहली शॉर्ट फिल्म ऊंचे कद का आदमी,सहित सैकड़ों नाटक,फिल्मों में काम कर अपनी धाक जमा चुके हैं।

इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी और स्वतंत्र पत्रकार वीके डोभाल ने बताया कि ये सम्मान मेरे सभी रंगकर्मी,पत्रकार साथियों का भी है जो किसी ना किसी रूप में मेरे साथ जुड़े रहे हैं । ये किसी सपने के सच होने जैसा ही है। इसे में अपने परिवार को भी सहयोग के लिए नही भुलाया जा सकता।

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