SBI ATM से कैश निकालना अब ज्यादा सुरक्षित,10 हजार या ज्यादा की निकासी पर ओटीपी भेजा जाएगा,तभी होगी निकासी….स्टेट बैंक ऑफ इंडिया

देहरादून/नई दिल्ली

आईये इंडिया के सबसे बड़े बैंक के बारे में कुछ जानने की कोशिश करते है और देखते है कि ये अब क्या नया बदलाव करने जा रहा है और आम उपभोक्ता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
1 जुलाई 1944 को स्टेट बैंक आफ़ इंडिया की स्थापना की गई, जिसमे सरकार की हिस्सेदारी 61.58% हैं। अपने स्थापना काल में स्टेट बैंक के कुल ४८० कार्यालय थे जिसमें शाखाएं, उप शाखाएं तथा तीन स्थानीय मुख्यालय शामिल थे, जो इम्पीरियल बैंकों के मुख्यालयों को बनाया गया था। 1926 में यंग की अनुशंसा पर 1 अप्रैल 1935 को आरबीआई की स्थापना की गई जबकि इसका राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी 1949 को किया गया इसका मुख्यालय मुंबई में है।आरबीआई के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ हैं जबकि वर्तमान में इस के गवर्नर शक्तिकांत दास हैं ,कार्य नोट का निर्गमन वर्तमान में आरबीआई 1957 में प्रचलित न्यूनतम रिजर्व प्रणाली के आधार पर ₹2 से लेकर ₹2000 तक का नोट का निगमन करती है जबकि ₹1 के नोट का निगमन भारत सरकार के द्वारा किया जाता है।
समय समय पर बदलाव भी जरूरी है।इसके लिए समय के साथ चलना होता है।
भारत के सबसे विशाल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सितंबर महीने में अब तक कई बड़े बदलाव किए है। ये चेंज फिक्स्ड डिपाजिट, लोन, एटीएम से कैश निकालने से जुड़े हैं. इसी वजह से इन रूल्स का बदलना ग्राहकों पर सीधा असर डालेगा, अगर आप SBI के खाताधारक हैं। तो ये खबर पढ़ना आपके लिए बहुत जरूरी है। सार्वजनिक क्षेत्र के देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ट्वीट कर कहा कि अब उसके किसी भी एटीएम से कैश निकालना ज्यादा सुरक्षित हो गया है। अगर एसबीआई एटीएम (SBI ATM) से 10 हजार या उससे अधिक निकासी करते हैं तो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी (SBI ATM OTP service) भेजा जाएगा। उसके बाद ही निकासी संभव हो पाएगी।
सुविधा देश भर के सभी एसबीआई एटीएम पर 18 सितंबर से लागू होगी. बता दें कि इससे पहले, SBI ने रात के समय में एटीएम फ्रॉड (ATM Fraud) से बचने के लिए ओटीपी आधारित एटीएम विड्रॉल (SBI OTP Based ATM Withdrawal) की सुविधा 1 जनवरी 2020 से शुरू की थी. इसके तहत रात को 8 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक एसबीआई एटीएम (SBI ATM) से 10,000 रुपये और इससे ज्यादा कैश निकालते समय ओटीपी की जरूरत होती है।
भारतीय स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को लोन रीस्ट्रक्चर की सुविधा देने के लिए जल्द ही एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करने वाला है।इसी प्लेटफॉर्म से तय होगा कि किस ग्राहक को कितने दिन के लिए मोराटोरियम सुविधा (SBI Loan Moratorium) मिलेगी. उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के आखिरी सप्ताह में ये प्लेटफॉर्म लॉन्च हो जाएगा. अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि 24 सितंबर को इसकी लॉन्चिंग हो सकती है।

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