देहरादून
श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर माजरा देहरादून 23वें वार्षिक रथ यात्रा महामहोत्सव
श्री1008 आदिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर माजरा देहरादून के 23वें वार्षिक रथ यात्रा महोत्सव के शुभ अवसर पर गिरनार पीठाधीश कर्मयोगी 105 क्षुल्लक श्रीसमर्पण सागर महाराज के पावन सानिध्य में रथ यात्रा का आयोजन किया गया।
रविवार प्रातःकाल में भगवान आदिनाथ का अभिषेक कर शांतिधारा की गयी जिसमे शांतिधारा करने का सौभाग्य सुरेश जैन, प्रतीक जैन, संयम जैन, संजीव जैन, प्रदीप जैन को प्राप्त हुआ।
रथ यात्रा को विशेष बनाने के लिए विशेष रूप से मुजफ्फरनगर से आई सुप्रसिद्ध संगीत दीपक एंड पार्टी ने सभी श्रद्धालुओं को भक्ति में सराबोर कर दिया जिसमें सभी भक्तगण नृत्य और धर्म की गंगा में डूब गए। सभी श्रद्धालुओं ने नृत्य गान के साथ-साथ प्रभु भक्ति की और झूम झूम कर नाचे।
इसके पश्चय भव्य शोभायात्रा मंदिर जी से निकाली गई,तरह-तरह की झांकियां रथ यात्रा में शामिल की गई जिसकी छवि देखते ही बन रही थी।
शोभायात्रा में दो रथो पर भगवान विराजमान किये गये, प्रथम रथ पर भगवान आदिनाथ विराजमान हुए जिसमे भगवान के ख्वासी बनने का सौभाग्य अभिषेक जैन सुपुत्र स्वर्गीय नरेन्द्र कुमार जैन को कुबेर बनने का सौभाग्य राजीव जैन सुपुत्र डीपी जैन को सारथी बनने का सौभाग्य अमित जैन एव भगवान की आरती करने का सौभाग्य शैल बाला जैन को प्राप्त हुआ।
दूसरे रथ पर भगवान महावीर स्वामी विराजमान हुए जिसमे भगवान के ख्वासी बनने का सौभाग्य दिनेश जैन को कुबेर बनने का सौभाग्य, सचिन जैन शक्ति विहार को सारथी बनने का सौभाग्य सुरेश जैन को प्राप्त हुआ। माँ जिनवाणी को रथ पर लेकर बैठने का सौभाग्य दीपा जैन अमित जैन देवलोक कॉलोनी को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर महाराज श्री समर्पण सागर द्वारा भगवान आदिनाथ के 23वें रथ यात्रा महोत्सव की बधाई और सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी गई।
कार्यक्रम में जैन समाज के अध्यक्ष विनोद जैन, विजय जैन, राजीव जैन, मंदिर समिति के अध्यक्ष दिनेश जैन, मंत्री प्रवीण जैन, मुकेश जैन, कार्यक्रम संयोजक संदीप जैन, नरेश चंद जैन, मीडिया प्रभारी मधु जैन, सुखमाल चंद जैन, सचिन जैन, विपिन जैन, अमित जैन, अभिषेक जैन, प्रदीप जैन, प्रतीक जैन, अशोक जैन, अजय जैन, गौरव जैन, महेन्द्र कुमार जैन, श्रीमति अर्चना जैन, प्रीति जैन, पूर्णिमा जैन, रिया जैन, अंजलि जैन, मीता जैन, शेफाली जैन, पूनम जैन, मोनिका जैन, सीमा जैन आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।