शिक्षा में सुधार को लेकर भी काम किया जाना बेहद जरूरी है,इसके लिए विभाग कोई कसर नही छोड़ेगा…डीजी एजुकेशन बंशीधर तिवारी – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

शिक्षा में सुधार को लेकर भी काम किया जाना बेहद जरूरी है,इसके लिए विभाग कोई कसर नही छोड़ेगा…डीजी एजुकेशन बंशीधर तिवारी

देहरादून

उत्तराखण्ड में शिक्षा महानिदेशक शिक्षा सुधारों को लेकर काम कर रहे हैं, इसी के तहत उन्होंने एक और फैसला लिया और स्कूलों में पूर्ण निरीक्षण किए जाने की शुरुआत को फिर से आदेश जारी किया है।

जिसके तहत दो दिवसीय नामीका अनुश्रवण प्रक्रिया के तहत एक समिति स्कूलों में पूर्ण रूप से निरीक्षण करेंगी कि आखिर किस तरीके से स्कूल में शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ भौतिक संसाधनों की व्यवस्था चल रही है।

यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि समिति में राज्य स्तरीय जनपद नोडल अधिकारी के साथ जनपद स्तरीय अधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित प्रधानाचार्य,विकास खंड अधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित प्रधानाचार्य के साथ जनपद के डाइट के एरिया विकासखंड प्रभारी स्वयं मौजूद होंगे जो दो दिनों तक स्कूल की पूर्ण रूप से व्यवस्थाओं को परखेंगे। हालांकि पहले भी इस तरीके की व्यवस्था मौजूद रही लेकिन निरीक्षण न होने से इसपर पूरी तरह से ध्यान नही हो पा रहा था। अब पुनः जिसकी शुरुआत होने जा रही है, प्रत्येक जिले के 5 स्कूलों में यह निरीक्षण दो दिनों तक किया जाएगा यानी कि 13 जिलों के 65 स्कूलों में इस तरीके से निरीक्षण होगा, जिसमें एक महीने पहले से स्कूल को सूचित किया जाएगा कि उनके स्कूल में पूर्ण निरीक्षण होने जा रहा है,इसका उद्देश्य यही है कि निरीक्षण को लेकर स्कूल की भी पूरी तैयारियां निरीक्षण के लिए हो।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग के नामित अधिकारी जो समिति में होंगे वह शिक्षकों के पठन-पाठन और छात्रों से पढ़ाई को लेकर फीडबैक भी लेंगे तो वही व्यवस्थाओं का जायजा भी लेंगे। जनपद के प्राइमरी, जूनियर हाई स्कूल इंटर कॉलेज स्कूलों के साथ एक अशासकीय विद्यालय में और प्राइवेट स्कूलों में भी निरीक्षण किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस तरीके के निरीक्षण से शिक्षा व्यवस्था में बेहतर परिणाम पहले भी देखे गए और अब अगर फिर से इसकी शुरुआत होने जा रही है तो इसके बेहतर परिणाम आगे भी देखने को मिलेंगे। जिन स्कूलों में निरीक्षण होगा उन स्कूलों में पूर्ण निरीक्षण किए जाने से शैक्षणिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और स्कूल का माहौल बदला-बदला भी नजर आएगा।

इस तरीके के निरीक्षण शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बेहद आवश्यक है शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के द्वारा इस पहल को फिर से शुरू किए जाने की शिक्षा विभाग के अधिकारी सराहना भी करते नज़र आ रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इससे पढ़ाई के साथ साथ गुणवत्तापरक शिक्षा भी जल्द दिखाई देने लगेगी।

इसके लिए निम्नांकित प्रक्रिया का अनुपालन किया जाना होगा….

👉 अकादमिक वर्ष में प्रति विकासखण्ड एक प्राथमिक, एक उच्च प्राथमिक एक हाईस्कूल तथा एक इण्टरमीडियेट स्तर के विद्यालय का अनुश्रवण किया जायेगा जिनमें से किसी एक स्तर का एक अशासकीय तथा यथासम्भव एक मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालय का भी अनुश्रवण किया जायेगा। वर्ष भर में पाँच विद्यालयों का चयन अलग-अलग विकासखण्डों में किया जाय।

👉 नामिका अनुश्रवण दल द्वारा अनुश्रवण की तिथि से दस दिन के भीतर निर्धारित प्रपत्रों के अनुरूप बिन्दुवार आख्या महानिदेशालय को प्राप्त कराई जायेगी तथा महानिदेशालय के विभिन्न पटलों द्वारा विषय/बिन्दुबार पत्रों का प्रेषण सम्बन्धित कार्यालयों/विद्यालयों में क्रियान्वयन/अनुपालनार्थ प्रेषित किया जायेगा तथा महानिदेशालय द्वारा पुनः प्रकरणवार अनुपालन/निस्तारण की स्थिति की समीक्षा की जायेगी।

👉 नामिका अनुश्रवण दल द्वारा इन दो दिवसों की अवधि में अपने विषय से सम्बन्धित आदर्श पाठ का प्रस्तुतीकरण किया जाना भी आवश्यक होगा।

👉 नामिका अनुश्रवण तिथियों में विद्यालय के सभी शिक्षकों/शिक्षणेत्तर अभिकर्मियों का विद्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।

👉 नामिका अनुश्रवण दल द्वारा प्रार्थना सभा से लेकर विद्यालय की समस्त शैक्षणिक / पाठ्य सहगामी गतिविधियों का अनुश्रवण किया जायेगा।

👉 नामिका अनुश्रवण माह में शीतावकाश / ग्रीष्मावकाश होने की स्थिति में सम्बन्धित जनपद के विद्यालयों का सारणी में अंकित माह से पूर्व / पश्चात अनुश्रवण प्रक्रिया की तिथि का प्रस्ताव राज्य स्तरीय जनपदीय नोडल अधिकारी द्वारा प्रस्तुत कर अनुमोदित कराया जायेगा।

👉 नामिका अनुश्रवण दल द्वारा द्वितीय दिवस के अन्तिम अनुश्रवण सत्र में शिक्षक अभिभावक संघ/विद्यालय प्रबन्ध समिति के साथ विद्यालय के शैक्षणिक सुधार, समस्याओं के निस्तारण आदि के प्रयोजनार्थ बैठक आयोजित कर सुझाव प्राप्त किये जायेंगे।

👉 विद्यालयों का नामिका अनुश्रवण, अकादमिक वर्ष 2022-23 से प्रारम्भ करते हुए प्रत्येक तीसरे वर्ष होगा, पूर्व में किये गये अनुश्रवण बिन्दुओं/निर्देशों के अनुपालन आदि की समीक्षा भी की जायेगी।

👉नामिका अनुश्रवण हेतु चयनित विद्यालयों को एक माह पूर्व सूचित कर दिया जायेगा। • नामिका अनुश्रवण के बिन्दु तथा प्रपत्र, यथासमय अनुश्रवण दल को प्राप्त कराये जायेंगे।

👉अकादमिक वर्ष 2022-23 में नामिका अनुश्रवण हेतु चिह्नित जनपद एवं माह संलग्न सारणी में प्रदर्शित किये गये है।

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