भारत के वन महानिदेशक ने किया वन कीट विज्ञान संग्रहालय व प्रौद्योगिकी प्रदर्शन केंद्र का उद्घाटन

देहरादून

वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में कीट विज्ञान संग्रहालय एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शन केन्द्र का उद्घाटन आज चंद्र प्रकाश गोयल, महानिदेशक एवं विशेष सचिव, वन, पयार्वरण एवं जलवायु परिवतर्न मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा श्री सत्य प्रकाश यादव, अतिरिक्त वन महानिदेशक (एफ0सी0),अरुण सिंह रावत, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् एवं डॉ. रेनू सिंह, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान की उपस्थिति में किया गया।

जी.एस. उमा, वैज्ञानिक, वन संरक्षण प्रभाग द्वारा संग्रहालय के संबंध मे महानिदेशक फॉरेस्ट को विस्तृत जानकारी दी गयी। बताया कि वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में यह संग्रहालय देश के सबसे पुराने कीट- विज्ञान संग्रहालयों में से एक है, जिसे औपचारिक रूप से 1930 में शुरू किया गया था एवं वतर्मान में इसका जीणोर्द्धार किया गया।

इसमें लगभग 2000 प्रदशर्नियां (म्गीपइपज) हैं, जिनमें बीज, पौधे और लकड़ी के नमूने, विभिन्न कीटों, पौधों की सुरक्षा के उपकरण, विभिन्न प्रकार के कीटो के जाल, महत्वपूणर् गणों के कीट नमूने और वानिकी प्रजातियों के प्रमुख कीट शामिल है, जो कीटों से होने वाले नुकसान की प्रकृति को दशार्ते हैं।  संग्रहालय का मध्य भाग कीटो के प्राकृतिक आवास को दशार्ता है।

संस्थान के विस्तार प्रभाग के रामबीर सिंह वैज्ञानिक-ई ने अन्य अन्वेषकों  के साथ प्रौद्योगिकी प्रदशर्न केंद्र में प्रदशिर्त प्रौद्योगिकियों के बारे में बताया। उन्होने बताया कि वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई), देहरादून में एक प्रौद्योगिकी प्रदशर्न केंद्र, देहरादून विकसित किया गया है।

यह वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून और भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई), देहरादून के अन्य संस्थानों जैसे शुष्क वन अनुसंधान संस्थान, जोधपुर, उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर, काष्ठ विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरु तथा इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट जेनेटिक्स एंड ट्री ब्रीडिंग, कोयंबटूर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करता है।

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