देहरादून/नैनीताल
कैसे आप दूसरों के।लिए मिसाल बन जाते हैं ये साबित करने की कोशिश की है उत्तराखंड के एक छोटे से गांव बिंदुखत्ता जो कि जिला नैनीताल में आता है।
वहां रहने वाले युवा राजेश जोशी(28)जो कि स्वर्गीय गोविंद बल्लभ जोशी के पुत्र हैं।
राजेश जोशी ने चंडीगढ़ से साइकिल चलाकर 1087 किलोमीटर लेह तक का सफर पूरा कर लिया । हालांकि राजेश का यह सफर अभी भी जारी है।
राजेश बतातये हैं कि लेह तक साइकिल चलाने का मेरा उद्देश्य यही था कि आज लगातार दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के कारण से गर्म होती जा रही है और हमारे ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं उसको कुछ कम किया जा सके। उसको कम करने के लिए हम लोग रीयूज रिड्यूस और रीसाइकल के नारे को अपनाकर खुद से ही शुरुआत करें और कार्बन एमिशन को कम से कम करें।
अपने उत्तराखंड के युवाओं को एक नई दिशा दिखाने उनके मनोबल को बढ़ाने की कोशिश की जा सजती है।
उत्तराखंड के युवा लोग भी पढ़ाई के अलावा एडवेंचर स्पोर्ट्स साइकिलिंग के अलावा भी अन्य एक्टिविटी से अपने केरियर को बना सकते हैं एक नई शुरुवात कर सकते हैं।
राजेश पर्यावरण के बेहद चिन्तित नज़र आते हैं कहते हैं कि आने वाले सालों में उत्तराखंड में भी ऐसे स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिले जिससे बहुत से लोगों को ना केवल अपनी योग्यता दिखाने के साथ ही उनके लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हो । साइकिलिंग ही क्यो और भी बहुत सी गतिविधियां हैं जिनको उत्तराखंड में आगे बढ़ाया जा सकता है । लेकिन आज शुरुआत करनेवालों की बेहद कमी है,लोग करने से डरिये मत हिचकिचाइये मत आगे बढिये तो सही, बहुत से लोग होंगे जो मुझसे भी अच्छी साइकिलिंग करते होंगे मुझसे ज्यादा जिनके अंदर स्टेमिना होगा लेकिन वह बाहर नहीं निकल पाते डरते हैं कि आखिर जाएंगे कैसे, क्या होगा।
में तो कहता हूं कि मुझे देख कर ही आप बाहर निकल सकते हैं और अपने आप को प्रूफ कर सकते हैं। राजेश आज के नौजवानों के लिए भी संदेश देना चाहते हैं कहते हैं कि लोगों का भी मनोबल बढाने और आगे आकर अपने अपने क्षेत्र में बहुत कुछ करने के लिए उनमें जोश जगाना भी मेरी साइकलिंग का लक्ष्य है।
