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प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं और अधिक बढ़ाने को लेकर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

देहरादून/नैनीताल

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिये अभिनव थापर की जनहित याचिका पर कोर्ट ने सरकार को अंतिम चेतावनी दी।

 

2021 में पूरे भारत मे कोरोना महामारी व उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में शुरुआत के दौर में स्वास्थ्य सुविधाओं की शिथिलता और पहाड़ में अन्य बीमारियों हेतु भी स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को महसूस किया जा रहा था। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने हेतु अभिनव थापर ने हाईकोर्ट नैनीताल में जुलाई 2021 पर जनहित याचिका दायर की थी।

हाईकोर्ट ने 4 जनवरी 2023 को दोनों पक्षों को अंतिम अवसर दिया और चेतावनी देकर पुनः नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में याचिका पर अपना पक्ष रखने का अवसर दिया। जनहित याचिका पर कोर्ट ने सरकार को अंतिम चेतावनी दी।

सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर की याचिका के प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के विषय पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने हेतु सरकार को दिशा-निर्देश दिए।

याचिका कर्ता थापर ने बताया कि आज लगभग दो वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस पर कोई जवाब न मिलने से हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और जनहित याचिका में उल्लेखित पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु समस्त मांगों पर सरकार को दिशा-निर्देश दिये ।

जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि सुनवाई के उपरांत हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपिन सांघी व जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त पीठ ने सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है। कहा कि अगले 4 हफ्ते में जवाब दाखिल किया जाय। इस्मामले पर कोर्ट द्वारा अब फ़ाइनल सुनवाई हेतु 14 जून 2023 भी तय की गई है।

 

अभिनव थापर ने कहा कि मेरी मांगो पर सहमति जताने के लिए माननीय हाईकोर्ट का सादर आभार। सरकार लगभग 2 वर्षों से जवाब देने से भाग रही थी किन्तु हमारे संघर्ष के बाद अंततः सरकार को अब पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं बढ़ाने के लिये नियमों शिथलीकरण करना पड़ेगा जिससे उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।

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