देहरादून
भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद के सेवानिवृत्त वैज्ञानिकों/अधिकारियों/कर्मचारियों की आम सभा वन अनुसंधान संस्थान में आयोजित की गई।
ICFRE की सेवाओं में समाहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अप्रैल, 2023 से पेंशन नहीं दी जा रही है। कर्मचारियों ने आईसीएफआरई और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को कई बार प्रतिवेदन दिया है लेकिन पेंशन का मामला आज तक हल नहीं हुआ है। जबकि, वित्त मंत्रालय ने 24 मई को एमओईएफ को लिखे अपने हालिया पत्र में सूचित किया गया है कि सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 37 (बी) के मद्देनजर केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों की पेंशन जो केंद्र सरकार में पेंशनभोगी थे, और बाद में आईसीएफआरई के गठन के परिणामस्वरूप ICFRE में समाहित हो गए उनकी पेंशन का दायित्व भारत सरकार का है और उन्होंने पहले ही 30 जनवरी 2019 को MOEF को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी दे दी है लेकिन इस संबंध में MOEF ने MoF से बजट की मांग नहीं की है।
अब सेवानिवृत्त वैज्ञानिकों/अधिकारियों/कर्मचारियों की आम सभा में बृहस्पतिवार को इस मुद्दे के प्रति अपनी नाराजगी दिखाई।
एकत्रित लोगो का कहना था कि कोई भी प्राधिकरण विशेष रूप से एमओईएफ इस संवेदनशील और आजीविका संबंधी मुद्दे पर गंभीर नहीं दिख रहा है।
बैठक में सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने सर्वसम्मति से अपनी पेंशन समस्या के स्थायी समाधान की मांग की और अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्णय लिया।