हरक को पड़ेगा क्या फरक,भाजपा के पूर्व मंत्री और अब कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के ठिकानों पर विजिलेंस ने की छापेमारी, दो जनरेटर ले गई टीम – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

हरक को पड़ेगा क्या फरक,भाजपा के पूर्व मंत्री और अब कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के ठिकानों पर विजिलेंस ने की छापेमारी, दो जनरेटर ले गई टीम

देहरादून

कांग्रेस के वरिष्ट नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें शुरू हो चुकी हैं। कॉर्बेट रिजर्व की पाख्रो रेंज में हुई वित्तीय अनियमितता की जांच में हरक घिर गए हैं।

बुधवार को हरक सिंह रावत के बेटे तुषित रावत के शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और रायवाला स्थित छिद्दारवाला पेट्रोल पंप में विजिलेंस की टीम द्वारा छापेमारी की गई है। बुधवार को दिन से ही उनके ठिकानों पर विजिलेंस की टीम में बैठी रही और उनकी संपत्तियों की जांच की।

निर्देशक विजिलेंस वी मुरूगेशन ने मामले की पुष्टि करते हुए जिम कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान और सरकारी पैसों से खरीदी हुई संपत्ति प्राइवेट प्रॉपर्टी में मौजूद है जिसको लेकर विजिलेंस की टीमों ने हरक सिंह रावत की विभिन्न संपतियों की जांच कर रही है। दरअसल 2019 में जिम कॉर्बेट पार्क में जंगल सफारी बनाने को लेकर हजारों पेड़ काटे गए साथ ही कॉन्केट की दीवारों के नाम पर सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है। उसे वक्त हरक सिंह रावत भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर थे और उन पर बीते वर्ष यह आरोप लगा था कि उनके संरक्षण में ही तत्कालीन डीएफओ किशन चंद ने सरकारी पैसों और नियमों का उल्लंघन करके पेड़ों का कटान किया था। मामले में पूर्व आईएफएस किशन चंद जेल से जमानत में बाहर है । पाखरों रेंज में तत्कालीन वन हरक सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट टाइगर साल 2019 में पाखरों रेंज में बिना वित्तीय स्वीकृति और अनुमति के निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस रेंज में तत्कालीन वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट टाइगर सफारी का 106 हेक्टेयर में निर्माण किया जा रहा था। मामले में वकील और वन्य जीव संरक्षण करता गौरव बंसल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके साथ ही उन्होंने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी में भी इसकी शिकायत की थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और एनजीटी की टीम में स्थलीय निरीक्षण भी किया था। जिसमें 200 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की बात सामने आई थी।

पिछले साल विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया इसके बाद तत्कालीन रेंजर बृज बिहारी शर्मा को गिरफ्तार किया गया। 24 दिसंबर 2022 को डीएफओ किशन चंद को भी माम गिरफ्तार किया गया। हालांकि रेंजर बिहारी शर्मा की जमानत हो चुकी है।

इस मामले में निर्धारित अनुमति से ज्यादा रिजर्व फॉरेस्ट के हरे पेड कटवाने सरकारी धन का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार में शामिल होने के अधिकारियों पर आरोप थे।

163 पेड़ काटने के आदेश के खिलाफ 6000 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए। इस मामले में IFS अधिकारी राजीव भरतरी, जे एस सदाग राहुल पर भी गाज गिरी।

सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया। पाखरो सफारी प्रोजेक्ट के लिए राष्ट्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से भी अनुमोदित नहीं कराया गया।

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी लंबे समय से इस मामले की जांच कर रही है 24 जनवरी 2023 को कमेटी के सदस्य सचिव अमरनाथ शेट्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंप गई रिपोर्ट में कहा गया कि टाइगर सफारी केवल अधिसूचित टाइगर रिजर्व के बाहर और बाघों के प्राकृतिक आवास के बाहर स्थापित की जा सकती है लेकिन इस मामले में इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया पूर्व वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पर आरोप है कि उन्होंने इस मामले में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद के गलत कामों को बढ़ावा दिया इसलिए उनसे पूछताछ के साथ ही कार्रवाई की सिफारिश भी की गई।

इस मामले में उत्तराखंड विजिलेंस की टीम अब हरक सिंह रावत से भी जांच करने पहुंची हैं। हालाकि मामले में हरक सिंह रावत ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। इस मामले में कांग्रेस के नेताओ जा कहना है कि कोई भी जब तक भाजपा में होता है तो दूध का धुला होता है। किसी भी तरह के आरोप रहे लेकिन कोई जांच न हो लेकिन कांग्रेस में आते ही फिर जांच एजेंसियां मामलों की जांच के नाम पर एक पक्ष की कारवाई शुरू कर देती हैं।

बुधवार को विजिलेंस की टीम ने दो जनरेटर भी सीज किए रायवाला में छिद्द्रवाला के पेट्रोल पंप से एक और दूसरा उनके बेटे के नाम से बने सहसपुर के इंस्टीट्यूट में लगे जनरेटर विजिलेंस की टीम अपने साथ ले गई। हालांकि इस मामले में भाजपा सरकार ने पूर्व वन मंत्री रहे हरक सिंह रावत बोले कि कोविडकाल में हम दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल में कोविड केयर सेंटर के संचालन के दृष्टिगत कालागढ़ के तत्कालीन डीएफओ किशन चंद को जरनेटर के व्यवस्था करने को कहा गया।तब दो जनरेटर उपलब्ध कराए गए थे। एक कोविड सेंटर में रखा गया दूसरा छिद्दर वाला कैंप कार्यालय में रखा गया। मंत्री पद से हटने और भाजपा छोड़ने के बाद मैंने विभाग से दोनो जनरेटर ले जाने को कहा था यदि विभाग ने वापस सही ले गया तो इसमें मेरा क्या दोष है।

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