अखिल भारतीय संत समिति तथा विरक्त वैष्णव मंडल ने ऋषिकेश में दो स्थानों पर शराब के डिपार्टमेंट स्टोर खोलने का किया विरोध,सौंपा ज्ञापन – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

अखिल भारतीय संत समिति तथा विरक्त वैष्णव मंडल ने ऋषिकेश में दो स्थानों पर शराब के डिपार्टमेंट स्टोर खोलने का किया विरोध,सौंपा ज्ञापन

देहरादून/ऋषिकेश

अखिल भारतीय संत समिति तथा विरक्त वैष्णव मंडल के संत समाज ने शराब के डिपार्टमेंट स्टोर को निरस्त करने की मांग को लेकर क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल को ज्ञापन भेजा।

रविवार को बैराज रोड़ स्थित कैंप कार्यालय में बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंचे। यहां मंत्री डा. अग्रवाल के जनसंपर्क अधिकारी ताजेंद्र सिंह नेगी को संत समाज ने ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने अवगत कराया कि देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी ऋषिकेश की पहचान तीर्थस्थल के रूप में होती है। यहीं नहीं ऋषिकेश में आध्यात्म, योग और मन की शांति के लिए श्रद्धालु तथा पर्यटक बड़ी संख्या में प्रत्येक वर्ष पहुंचते है।

संत समाज ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि इन दिनों एम्स व सीमा डेंटल कॉलेज के निकट तथा नटराज चौक के निकट अंग्रेजी शराब का डिपार्टमेंट स्टोर आवंटित होने से तीर्थनगरी की छवि धूमिल हो रही है, जिसकी संत व साधु समाज निंदा करता है।

संत समाज ने कहा कि तीर्थनगरी में शराब का डिपार्टमेंट स्टोर खुलने से जहां धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। वहीं, युवा पीढ़ी पर भी बुरा असर पड़ेगा। संत समाज ने एक स्वर में शराब के आवंटित स्टोर को निरस्त करने की मांग की। साथ ही निरस्त न होने पर चेतावनी देते हुए कहा कि संत व साधु समाज द्वारा आंदोलन करते सड़क पर उतरकर विरोध किया जाएगा।

ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष विरक्त वैष्णव मंडल महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, अध्यक्ष अखिल भारतीय संत समिति स्वामी गोपालाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर वृंदावन दास महाराज, महंत निर्मल दास महाराज, महंत छोटनदास महाराज, महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज, स्वामी करूणाकरण दास महाराज, स्वामी रविन्द्र दास महाराज, स्वामी प्रकाशानंद, स्वामी हरिदास महाराज, स्वामी हरिचरण महाराज, स्वामी भरतदास महाराज, स्वामी अखंडानंद सरस्वती, स्वामी राम मिलन दास, स्वामी राम पदम दास, स्वामी प्रेमदास स्वामी सुरेश दास, स्वामी परमेश्वर दास, स्वामी मोहनदास, स्वामी महावीर दास, स्वामी प्रमोद दास आदि संत समाज मौजूद थे।

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