देहरादून/उत्तरकाशी
उत्तराखंड खुद में साहसिक पर्यटन और तीर्थाटन के अनेकोअनेक ऑप्शन लिए हुए है। यहां एक और चारधामों और धार्मिक पर्यटन जोरों पर रहता है
वहीं साहसिक पर्यटन का क्षेत्र भी खुद में अनूठा है और साल भर देश दुनिया के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
पर्वतारोहण व ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क और गांगली के गेट गुरुवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। जिसमे कि अब अगले वर्ष एक अप्रैल के बाद ही सैलानी पार्क की सैर कर पाएंगे।
इस बार पार्क में पहुंचे सैलानियों की संख्या के साथ कमाई का भी नया रिकार्ड बन गया।
इस सत्र के दौरान पार्क खुलने के उपरांत 31,235 सैलानियों ने पार्क की सैर की और पार्क को प्रवेश शुल्क के रूप में 61 लाख से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। जबकि, वर्ष 2022. में 28,500 सैलानियों ने पार्क की सैर की थी। इसके अलावा पार्क क्षेत्र में 20 से अधिक कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, जिससे वन्यजीवों पर नजर रखी जा रही है।
गंगोत्री नेशनल पार्क के कनखू बैरियर, भैरवघाटी नेलांग बैरियर और गाँगली को जाने वाले लंका पुल बैरियर पर गुरुवार को कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके बाद तीनों गेट एक साथ ही बंद किए गए।
इस बार पार्क के साथ गर्तागली की सैर को भी बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे। गोमुख और तपोवन क्षेत्र में भी सैलानियों की अच्छी आमद रही। पर्वतारोहण करने वाले विदेशी पर्वतारोहियों की संख्या भी संतोषजनक रही। इस बार 15,472 सैलानियों ने पार्क की सैर की जबकि इनमें 617 विदेशी सैलानी थे। पार्क प्रशासन और स्थानीय लोग अगले वर्ष यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।
बताते चलें कि उत्तराखंड में उत्तरकाशी का गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र देश का तीसरा सबसे बड़ा पार्क है। यह 1553 वर्ग किमी और सात हजार मीटर से अधिक ऊंचाई तक फैला हुआ है। गंगोत्री पार्क क्षेत्र में हिम तेंदुए के अलावा अरगली भेड़, भालू व लाल लोमड़ी जैसे कई दुर्लभ जीवों का प्राकृतिक आवास है। यहां पर्यटकों को आसानी से उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाले इन जीवों का दीदार होते हैं। इन्ही कारणों के चलते पार्क क्षेत्र में देश विदेश से हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक विशेष रूप से घूमने आते रहे हैं।