देहरादून
सोमवार को लो०नि०वि० नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ, उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा एक दिवसीय धरना अधिशासी अभियन्ता प्रा०ख० लो०नि०वि० देहरादून के कार्यालय में दिया गया।
धरने की अध्यक्षता आर०एस० नेगी ने करते हुए कहा कि संघ द्वारा उत्तराखण्ड सरकार की पेंशन अहंकारी सेवा विधिमान्यकरण अधिनियम 2022 दिनांक 8 मई, 2023 से प्रवृत्त होने के कारण वर्कचार्ज कर्मचारियों को वर्कचार्ज की सेवा का लाभ वर्तमान में नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 09-02-2019 की अवहेलना हो रही है, जबकि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा 4 फरवरी 2020 को उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 09-02-2019 का पालन पूर्व में किये जाने के आदेश पारित किये गये थे, परन्तु वर्तमान में जिसका पालन सरकार / शासन द्वारा नहीं किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।
धरने में चालक संघ के कोषाध्यक्ष राजकुमार रावत द्वारा संघ की ओर से अपना पूर्ण समर्थन दिया गया।
घरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री राजेश प्रसाद द्वारा सरकार की इस नीति का घोर विरोध किया गया, क्योंकि इसी पूर्व सरकार द्वारा वर्कचार्ज कर्मचारियों को वर्कचार्ज की सेवा को जोड़ते हुए पेंशन के लाभ के आदेश दिये गये, जिससे कई कर्मचारी लाभान्वित हो चुके है। क्या कारण है कि वर्तमान सरकार ने अपनी पूर्व की सरकार के आदेशों को पलटते हुए विपरीत फैसला लिया? जो कि ना तो विधि संगत नहीं है। जिसके लिए कर्मचारी वर्ग अपनी इस मांग को पूरा करवाने के लिए किसी भी आन्दोलन/धरना-प्रदर्शन में जाने हेतु मजबूर है।
धरने में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड फील्ड कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर दिनांक 21-02-2024 को प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष यमुना कॉलोनी देहरादून के कार्यालय में एक दिवसीय धरना दिया जायेगा तत्पश्वात् ही अग्रिम रणनीति की घोषणा की जायेगी। घरने में बैठने वाले कर्मचारियों में सुषमा देवी, श्रीमती ऊषा देवी, बुद्धि देवी, मुन्नी देवी, सर्वश्री सुनित कुमार, राजेश, मधुलाल, विक्रम सिंह गुसांई, ललित कुमार, कली राम् भीमदत्त जोशी, सुरेश कुमार, शेर सिंह. सुशील कैन्थोला, मदन सिंह तोमर, बलवीर सिंह, अम्बा दत्त, सन्दीप, ललिता, बलवन्त रावत् जयनेन्द्र असवाल, राम अवतार लाखीराम, रामचन्द्र आदि कर्मचारी उपस्थित थे।