पत्रकार स्व. कुंवर प्रसून व आंदोलनकारी स्व.मंगसिरी देवी को मरणोपरांत मिलेगा पद्मविभूषित सुंदरलाल बहुगुणा स्मृति सम्मान, “हिमालय प्रहरी 2024” सम्मान – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

पत्रकार स्व. कुंवर प्रसून व आंदोलनकारी स्व.मंगसिरी देवी को मरणोपरांत मिलेगा पद्मविभूषित सुंदरलाल बहुगुणा स्मृति सम्मान, “हिमालय प्रहरी 2024” सम्मान

देहरादून

प्रखर पत्रकार, चिंतक व आंदोलनकारी स्वर्गीय कुंवर प्रसून व आंदोलनकारी स्वर्गीय मंगसिरी देवी को मरणोपरांत पद्मविभूषित सुंदरलाल बहुगुणा स्मृति सम्मान, “हिमालय प्रहरी 2024” सम्मान से सम्मानित किया जाएगा I प्रत्येक वर्ष की तरह यह सम्मान पद्म विभूषण सुंदरलाल बहुगुणा की पुण्यतिथि पर दिया जाता है।बहुगुणा की तृतीय पुण्यतिथि पर यह कार्यक्रम देहरादून में 21 मई को इंजीनियर भवन, निकट ISBT फ्लाईओवर में आयोजित किया जाएगा।

पांच सदस्य चयन समिति द्वारा स्वर्गीय कुंवर प्रसून व स्वर्गीय मंगशिरी देवी के नाम को सर्वसम्मति से चयन किया गया I इस वर्ष हिमालय प्रहरी सम्मान पहली बार महिला वर्ग को भी दिया जा रहा है I

इस कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर ऑल इंडिया पिंगलवाड़ा चैरिटेबल सोसायटी अमृतसर के प्रधान पद्म भूषण डॉ इंद्रजीत कौर व मुख्य वक्ता के रूप में प्रखर गांधीवादी विचारक, जेपी आंदोलन के सक्रीय कार्यकर्त्ता व जयप्रकाश के सहयोगी कुमार प्रशांत की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी I सम्मान समारोह में “पर्वतीय विकास की दिशा और दशा – बहुगुणा की जुबानी” पर विचार गोष्ठी भी की जायेगी I पर्वतीय क्षेत्र के विकास को लेकर बहुगुणा जी के कार्य को आगे बढाने और पहाड़ के वर्तमान स्वरुप पर बातचीत की जायेगी I

स्वर्गीय कुंवर प्रसून का चयन उनकी बेबाक पत्रकारिता एक प्रखर आंदोलनकारी व चिंतक के रूप में किया गया है I चिपको आंदोलन, शराब विरोधी आंदोलन, टिहरी बांध विरोधी आंदोलन व जन सरकारों से जुड़े अनेक आंदोलन में कुंवर प्रसून जी की सक्रिय भागीदारी रही है I वे शोषित समाज की आवाज के रूप में जाने जाते रहे

स्वर्गीय मंगशिरी देवी का चयन उनके जीवंत जुझारूपन और सामाजिक सरोकारों के प्रति निष्ठा के लिए चयन किया गया चिपको आंदोलन के दौरान वह बढ़ियारगढ़ के जंगलों में एक महीने तक पेड़ बचाने के लिए रही वह जंगलों को ठेकेदारों के खिलाफ लड़ाई लड़ती रही टिहरी बांध विरोधी आंदोलन में एक महीने तक जेल में आंदोलनकारी के साथ रहीI 1975 में सरला बहिन जी की हीरक जयन्ती यात्रा में वे सहयोगी रही I

कार्यक्रम का आयोजन हिमालय बचाओ आंदोलन व पर्वतीय नवजीवन मंडल आश्रम के द्वारा किया जा रहा है I

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