डीसीबी देहरादून ने SARFAESI अधिनियम 2002 के तहत दो मामलों में कारवाही करते हुए ऋण की गिरवी रखी जमीन व मकान लिया कब्ज़े में – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

डीसीबी देहरादून ने SARFAESI अधिनियम 2002 के तहत दो मामलों में कारवाही करते हुए ऋण की गिरवी रखी जमीन व मकान लिया कब्ज़े में

देहरादून

डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लि. देहरादून, ने उन डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, जो बार-बार अपने ऋण चुकौती दायित्वों को पूरा करने में विफल रहे हैं।

डीसीबी देहरादून अब इन डिफॉल्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रहा है, जिसमें उन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेना भी शामिल है, जिन्हें एसएआरएफएईएसआई अधिनियम 2002 के तहत ऋण दिए जाने के समय जमानत के तौर पर गिरवी रखा गया था।

ऐसा ही दो मामले मेसर्स लक्ष्मी स्क्रीनर्स पार्टनर्स मुकुल अग्रवाल और अंशुम अग्रवाल का है, जो 68 बी राजपुर रोड देहरादून के निवासी हैं, जो बैंक को समय पर ऋण भुगतान करने में विफल रहे थे। जीएम कमल के निर्देश पर डीजीएम दीक्षा कंडवाल गौड़ ने पुलिस बल और राजस्व टीम के साथ मौके पर जाकर उनकी गिरवी रखी गई संपति 12 बीघा जमीन सेलाकुई साइड में कब्जा ले ली है।

मेसर्स लक्ष्मी स्क्रीनर्स पार्टनर्स ने 2020 में 40 लाख रूपये का दुकान/ बिजनेस के लिए ऋण लिया था। खाता एनपीए हो गया। जबकि एक अन्य गोल्डन बाला के 2013 के 20 लाख रुपये के ऋण में भी बैंक अधिकारियों ने भूमि व प्रॉपर्टी कब्जे में ले ली है।

डीसीबी देहरादून के महाप्रबंधक सीके कमल ने बताया कि, सीजेएम कोर्ट में दो एनपीए मामलों में 54 लाख रुपये के ऑर्डर लिए जाने हैं। जिसके बाद भूमि प्रॉपर्टी कब्जे ली जाएंगे। उन्होंने बताया कि, अन्य तीन मामलों में पुलिस से कब्जा लेने के ऑर्डर की प्रतीक्षा की जा रही है। इसके अलावा 26 लाख रुपये चेक बाउंस पर कार्यवाही तुरंत की जानी है।

यह कदम अन्य डिफॉल्टरों को एक कड़ा संदेश देता है जो अपने ऋण चुकौती दायित्वों की उपेक्षा कर रहे हैं।

बैंक के महाप्रबंधक कमल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भविष्य में अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रहने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ एसएआरएफएईएसआई अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई करना जारी रखेगा।

डीसीबी डिफॉल्टरों पर अपनी पकड़ मजबूत करके और ऋण चुकौती शर्तों का पालन न करने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करके, बैंक यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि वह गैर-जिम्मेदार वित्तीय व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगा।

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