देहरादून
कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय द्वारा शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर की गई टिप्पणी को अपमानजनक एवं अभद्र करार दिया है।
दसौनी ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा की अजेंद्र अजय का शंकराचार्य को लेकर दिया हुआ बयान नाकाबिले बर्दाश्त और अक्षम्य है। दसौनी ने कहा की अजेंद्र अजय का यह कहना की “शंकराचार्य महाराज शंकराचार्य है भी या नहीं” बहुत ही निंदनीय बयान है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी लगातार गौरक्षा और हिंदू धर्म के प्रचार प्रसार के लिए देश भर में भ्रमण कर रहे हैं और उनके करोड़ों भक्तों की भावनाओं को अजेंद्र अजय की इस बयान ने आहत किया है। दसौनी ने कहा कि हाल ही में हुए मुकेश अंबानी के बेटे के विवाह में प्रधानमंत्री मोदी ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के चरण छूकर आशीर्वाद लिया और यहां उत्तराखंड में बीकेटीसी अध्यक्ष को उनके शंकराचार्य होने पर संशय हो रहा है। जिस दिन से अजेंद्र अजय बीकेटीसी के अध्यक्ष बने हैं उसी दिन से विवादों से उनका चोली दामन का नाता रहा है। कई मामलों में अजेंद्र अजय विवादास्पद भूमिका में रहे हैं।
दसौनी ने कहा की शंकराचार्य को अजेंद्र द्वारा कांग्रेस का एजेंट बताना उनकी अल्प बुद्धि का परिचय देता है। उनको यह समझना होगा कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पूरे देश के जो चार शंकराचार्य में ज्योतिष पीठ के सम्मानित शंकराचार्य हैं और वह आरएसएस या भाजपा के अनुषांगिक संगठनों के स्वघोषित शंकराचार्य या मठाधीश नहीं हैं। दसौनी ने कहा कि अजेंद्र अजय को अपनी समझना होगा कि वह मात्र बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष हैं। दसौनी ने तीर्थ पुरोहित समाज और शंकराचार्यों धर्माचार्यों का आह्वाहन करते हुए कहा कि उनको भी शंकराचार्य के इस अपमान का बदला लेने के लिए लामबंद होना होगा।